सत्य खबर चंडीगढ़ (ब्यूरो रिपोर्ट) – हरियाणा के शिक्षा, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री राम बिलास शर्मा सरस्वती धरोहर पर शोध कर रहे दो वैज्ञानिकों ने मुलाकात की और इस क्षेत्र में हो रही प्रगति के बारे में चर्चा की। मुलाकात करने वालों में इसरो के पूर्व वैज्ञानिक डॉ० ए.के. गुप्ता व तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड के पूर्व कार्यकारी निदेशक डॉ० एम.आर. राव शामिल थे। इस अवसर पर हरियाणा पर्यटन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजयवर्धन व हरियाणा सरस्वती हैरिटेज डिवलेपमैंट बोर्ड के डिप्टी चेयरमैन श्री प्रशान्त भारद्वाज भी मौजूद थे।
इन वैज्ञानिकों ने संस्कृति मंत्री शर्मा को सैटैलाईट द्वारा सरस्वती नदी के लिए गए चित्र को दिखाया जिसमें नदी का बहाव प्रदर्शित किया गया था।
उन्होंने बताया कि वैदिक काल में सरस्वती का जो बहाव कच्छ से होकर अरब सागर में मिलता था वह प्राकृतिक भू-हलचलों के कारण पूर्व दिशा की ओर मुड़ गया तथा चंबल नदी में जाकर मिल गया। अंत में प्रयागराज में जाकर गंगा नदी में संगम हो गया। उन्होंने यह भी बताया कि तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड द्वारा हरियाणा के कुछ गहरे कुओं के पानी की जांच की गई जिनमें 1,20,000 लीटर प्रति घंटा की दर से पानी उपलब्ध था। इस पानी की आयु भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र मुबई ने 5,000 वर्ष से 10,000 वर्ष के मध्य मानी है।
डॉ० ए.के. गुप्ता व डॉ. एम.आर. राव ने बताया कि उन्होंने हाल ही में वैदिक गणित पर छात्रों के उपयोग में आने वाली कुछ पुस्तकें भी लिखी हैं जिससे विद्यार्थी आसानी से व तेजी से गणित की समस्याओं को हल कर सकते हैं।
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