विजिलेंस टीम ने क्लर्क को रंगे हाथ किया गिरफ्तार
सत्यखबर, रोहतक (पवन कुमार बंसल) – विजिलेंस टीम ने बेल कराने की एवज में पैसे लेने के आरोप में एक क्लर्क को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। लेकिन क्लर्क की गिरफ्तारी और उसके खिलाफ कार्रवाई से बात खत्म नहीं होती। बड़ा सवाल ये है कि क्या अकेला क्लर्क सक्षम है बेल करने के लिए। कानून के मुताबिक, अपराध में दोषी व्यक्ति की बेल करने के अधिकार न्यायाधीश के पास होते हैं। न्यायाधीश भी पहले देखते हैं कि बेल के लिए तथ्य वाजिब है भी या नहीं।
रोहतक कोर्ट में प्रेक्टिस कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप मलिक ने इस मामले को गंभीरता से लिए जाने की बात कही है। विजिलेंस यदि मामले की तह तक जाए तो बड़े स्तर का भंडाफोड़ हो सकता है। पता चल जाएगा कि कौन वह जज है जिसके भरोसे क्लर्क बेल करवाने के पैसे लेता था। अकेले क्लर्क को ही उलझाए रखना भी ठीक नहीं है। हालांकि कोर्ट से जुड़े मामलों में जांच एजेंसियों को थोड़ा कठिनाई जरूर आती है, खासकर जब जांच के लिए किसी न्यायाधीश के नजदीक जाना पड़े।
खैर, प्रदीप मलिक सुलझे हुए वकील हैं। उन्होंने बिल्कुल सही दिशा में मामले पर ध्यान खींचा है। अब बारी विजिलेंस की है। देखते हैं आगे क्या होता है।
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