सत्य खबर, यमुनानगर। पिछले कई दिनों से पहाड़ों में हो रही भारी बारिश से नदियों में पानी का स्तर बढऩे लगा है। हथिनी कुंड बैराज पर करीब 1 लाख 60 हजार क्यूसेक पानी बह रहा है। ये पानी 72 घंटे के अंदर हरियाणा के कई जिलों से होते हुए दिल्ली पहुंच जाएगा। हालांकि दिल्ली में ठोकरें मजबूत बनाए जाने से काफी पानी वापिस हरियाणा का ही रूख कर रहा है। वहीं इस पानी से किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है। मॉनसून के इस सीजन में पहली बार यमुनानगर स्थित हथिनी कुंड बैराज पर पानी एक लाख क्यूसेक के पार हुआ है।
पहाड़ों में हो रही लगातार बरसात से आज सुबह 9 बजे यहां करीब 30 हजार क्यूसेक पानी था, 11 बजे तक करीब 60 हजार क्यूसेक पानी हथिनी कुंड बैराज पर पहुंचा, 1 बजे पानी 1 लाख क्यूसेक के स्तर को पार कर गया और फिलहाल हथिनी कुंड बैराज पर 1 लाख 60 हजार क्यूसेक के करीब पानी पहुंच गया है। हालांकि इतने पानी से निचले इलाकों में भी कोई खतरा नहीं है। जब पानी ढाई लाख क्यूसेक से ज्यादा आ जाता है तो खतरा बढ़ जाता है। जिस तरह पहाड़ों में लगातार बरसात हो रही है जलस्तर आगे और भी बढ़ सकता है। अधिकारी ने बताया कि यमुना का ये पानी करीब 72 घंटे में दिल्ली पहुंच जाता है। वहीं इस पानी से हरियाणा व दिल्ली के कुछ क्षेत्रों में परेशानी के हालात पैदा हो सकते हैं।
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3 लाख क्यूसेक तक नहीं नुकसान
यमुना किनारे बसे गांव नगलां पार के किसान राममेहर कौशिक ने बताया कि यमुना नदी का क्षेत्र भारत की सभी नदियों से बड़ा है। इसलिए इसमें 3 लाख क्यूसेक पानी तक किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है। इससे ज्यादा पानी आने पर हरियाणा के यमुनानगर, करनाल, पानीपत व सोनीपत समेत दिल्ली के नीचले क्षेत्रों को परेशानी होती है। जबकि हरियाणा व दिल्ली में बाढ़ करीब 6 लाख क्यूसेक पानी के बाद ही आ पाती है। एक से 3 लाख क्यूसेक तक तो प्यासी यमुना की प्यास ही बुझ पाती है और साथ लगते क्षेत्रों में वाटर लेवल थोड़ा ऊपर आ पाता है वो भी तब जब कई दिनों तक पानी बहता रहे।
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