रोजाना 5.50 लाख लीटर पानी किया जाता है ट्रीट
इको ग्रीन ने चाइना से लाकर गुरुग्राम में लगाए दो महत्वपूर्ण प्लांट
करीब 14 करोड़ रुपए खर्च करके शुरू किए गए हैं ये दोनों प्रोजेक्ट
सत्यखबर गुरुग्राम (मुकेश बघेल) – चाइनीज कंपनी इको ग्रीन ने गुरुग्राम में दो ऐसे डिस्क ट्यूब रिवर्स ऑस्मोसिस (डीटीआरओ) प्लांट स्थापित किए हैं, जिनके द्वारा शहर के कूड़े से निकलने वाले लीचेट (कूड़े से निकलने वाला तरफ पदार्थ) से पानी निकाला जाएगा। खास बात यह है कि इस पानी की गुणवत्ता आरओ के पानी की गुणवत्ता के बराबर रहेगी। हालांकि इसे पीने में उपयोग नहीं किया जाएगा। ये दो प्लांट भारत में पहली बार लगाए गए हैं। इससे पहले चाइना में सफलतापूर्वक इस तरह के प्लांट काम कर रहे हैं।
शहर की सफाई का जिम्मा देख रही इको ग्रीन शहर का कूड़ा, कचरा उठाकर गुरुग्राम-फरीदाबाद मार्ग स्थित बंधवाड़ी गांव के पास ले जाती है। वहां पर कंपनी की ओर से इस कूड़े से निकलने वाले लीचेट को साफ पानी के रूप में बदला जाता है। इसकी काफी बड़ी प्रक्रिया है। जिसके लिए कंपनी की ओर से मौके पर ही प्लांट लगाए गए हैं। हाल ही में कंपनी ने बंधवाड़ी में दो बड़े डिस्क ट्यूब रिवर्स ऑस्मोसिस (डीटीआरओ) स्थापित किए हैं। इन दोनों प्लांट्स पर करीब 14 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।
भारत में पहली बार लगे हैं ये प्रोजेक्ट – सुमित
कंपनी के कारपोरेट कार्यालय में जीएम इंजीनियरिंग सुमित के मुताबिक घर में लगे आरओ (रिवर्स ऑस्मोसिस) की तरह यह डिस्क ट्यूब रिवर्स ऑस्मोसिस (डीटीआरओ) सिस्टम लीचेट को क्लीन करेंगे। बड़े स्तर पर यह सिस्टम स्थापित किए गए हैं। चूंकि भारत में ये सिस्टम पहली बार गुरुग्राम के बंधवाड़ी में लगाए गए हैं। इससे पहले चाइना में इस तरह के सिस्टम सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं। सुमित कहते हैं कि इन दोनों प्लांट के माध्यम से रोजाना 400 केएलडी यानी चार लाख लीटर पानी प्रतिदिन साफ होता है।
इससे पहले एक प्लांट चल रहा है। जिसकी क्षमता 150 केएलजी यानी डेढ़ लाख लीटर पानी ट्रीट करने की है। अब लगातार 24 घंटे काम करने वाले इन तीनों सिस्टम से 5.50 लाख लीटर पानी रोजाना ट्रीट होता है। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट 2016 के नियमों के अनुसार डे्रन, सीवेज के पैरामीटर्स हैं। उनके अनुसार यह पानी पीने के लिए उपयोग में नहीं लिया जा सकता। हालांकि यह पानी इन पैरामीटर्स से कहीं अधिक बेहतर है।
पीने के पानी व लीचेट से निकाले पानी में अंतर
जीएम इंजीनियरिंग सुमित दावे के साथ कहते हैं कि शहर में पीने के लिए जो पानी सप्लाई किया जाता है, उसकी गुणवत्ता 500-600 टीडीएस (टोटल डिसॉलव्ड सॉलिड्स) होती है। आरओ के पानी के बराबर 100-150 से टीडीएस मात्रा का होता है। वहीं यहां लीचेट से क्लीन किए गए पानी की टीडीएस मात्रा 173 मिलीग्राम प्रति लीटर है। यानी यह पानी आरओ के मुकाबले का है। नगर निगम से अनुमति नहीं होने के कारण फिलहाल इस पानी को बहरामपुर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) में कंपनी अपने खर्च पर भेज रही है। यह पानी कृषि, प्लांट और फायर ब्रिगेड में काम में लिया जा सकता है।
चार करोड़ लीटर लीचेट हुआ था एकत्रित
बंधवाड़ी स्थित इको ग्रीन के डंपिंग स्टेशन पर शहर के कूड़े-करकट से निकलकर चार करोड़ लीटर लीचेट एकत्रित हो गया था। धीरे-धीरे इसे साफ करके कम किया गया है। यहां पर गंदगी का इतना बड़ा पहाड़ बन चुका है कि अब यहां और अधिक कूड़ा डालने में दिक्कत है। अगर यहां पर और कूड़ा नहीं डलता है तो आगामी 4-5 माह में यह पहाड़ काफी हद तक खत्म हो सकता है।
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