सत्यखबर, सफीदों (महाबीर मित्तल) – विद्यार्थी जीवन का पूर्ण विकास आध्यात्मिक शिक्षा से ही संभव है। यह बात प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष एवं समाजसेवी नरेश सिंह बराड़ ने कही। वे नगर के पायनियर स्कूल में पहुंची आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा, वेद प्रचार मंडल जींद एवं आर्य समाज सफीदों के संयुक्त तत्वावधान में चल रही वेद प्रचार यात्रा में बच्चों को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर आर्य समाज सफीदों के प्रधान यादविंद्र सिंह, धर्माचार्य कमलेश शास्त्री व हरिद्वार से आई बहन निकिता आर्या विशेष रूप से मौजूद थीं।
नरेश सिंह बराड़ ने कहा कि शिक्षा वह है जो शिक्षित करे, दिक्षित करें व हमें बलवान बनाएं। वह शिक्षा कतई निरर्थक है जो बच्चे को निर्बल व कमजोर बना दे। शास्त्रों में ऋषियों ने कहा है कि बुद्धिर्यस्य बलम् तस्य निर्बुद्धि अस्तु कुतो बलम् अर्थात जिसके पास उत्तम शिक्षा है वही बलवान है। विद्यार्थी का सबसे बड़ा धन विद्या है और उसे सुरक्षित रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज आधुनिक विद्या के साथ-साथ प्राचीन विद्या वैदिक शिक्षा को भी अपने जीवन में धारण करना चाहिए और हमें जीवन में एक लक्ष्य लेकर चलना चाहिए।
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