सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
गत दिनों बोर्ड की 12वीं और 10वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम लगभग काफी अच्छे रहे हैं। बहुत से बच्चों ने मैरिट हासिल की है, जबकि कुछ बच्चे पास नहीं हो पाए हैं। जिस कारण उनका मनोबल टूटता नजर आ रहा है और वो उदासीनता के चलते आत्महत्या जैसा पाप कर बैठते हैं। उड़ान हौसलों की फाउडेंशन के महासचिव सैंडी धीमान ने बताया कि कुछ दिन पहले पिंजौर की एक बेटी महक ने 12 वीं कक्षा के परिणाम से निराश होकर आत्महत्या कर ली। ऐसे ही कुछ दर्दनाक घटनाएं परीक्षा परिणाम के बाद सामने आ रही हैं। उन्होंने कहा कि यह गलत है, विद्यार्थियों को चाहिए कि वे नकारात्मक सोच को अपने ऊपर हैवी ना होने दें और दूसरों द्वारा कही गई नकारात्मक बातों को शांति से सुने और हताश होने की बजाय उन्हें चुनौती समझकर स्वीकार करें और पेपरों में अच्छें अंक प्राप्त करें। उन्होंंने कहा कि माता- पिता को भी चाहिए कि बच्चे के साथ दोस्तों वाला व्यवहार करें, उसके परीक्षा परिणाम को लेकर किसी प्रकार का ताना ना दे। उन्होंने कहा कि हमेशा याद रखें कि असफलता ही जीवन में सफलता की पहली कड़ी है, इसे स्वीकार करें और जीवन में आगे बढ़े।
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