सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) – शहर में जगह-जगह नगरपरिषद द्वारा महापुरूषों, शहीदों के स्मारक बनाये हुए हैं, ताकि शहरवासी उनसे प्रेरणा लेकर अपने जीवन में अच्छी बातों का समावेश कर सके। प्रशासन द्वारा स्मारक तो बना दिये गये हैं, लेकिन उनकी संभाल व रखरखाव करने वाला भगवान ही हैं, क्योंकि नगरपरिषद के पास इतना समय ही नहीं है कि वे इनकी साफ-सफाई और इनके चारों ओर लगे अवैध होर्डिंगों व पोस्टरों को उतार सके। शहर में स्मारकों की अनदेखी के लिए सामाजिक संगठनों के कार्यकत्र्ताओं ने सुभाष चन्द्र चौक पर धरना देकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की थी।
जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों को स्मारकों की देखभाल करने और अवैध होर्डिंगों को हटाने का ज्ञापन सौंपा था। प्रशासन द्वारा ज्ञापन मिलने के बाद होर्डिंगों व पोस्टरों को उतार दिया था, लेकिन कुछ दिनों बाद ही स्मारकों पर होर्डिंगों व पोस्टरों की बाढ़ लग गई। जिस कारण शहीद और महापुरूषों की प्रतिमाएं फिर से होर्डिंगों व पोस्टरों से अट गई। इससे महापुरूषों व शहीदों के सम्मान को ठेस पहुंचती नजर आ रही है। शहरवासियों की प्रशासन से मांग है कि महापुरूषों व शहीदों के सम्मान को बचाये रखने के लिए होर्डिंगों व पोस्टरों को उतारा जाये और ऐसे कार्य करने वाले के खिलाफ सख्त से सख्त कारवाई की जाये।
प्रशासनिक अधिकारी गुजरते हैं हर रोज स्मारकों के पास से
शहीद भगत सिंह चौक और सुभाष चन्द्र चौक पर लगे होर्डिंगों व पोस्टरों की जानकारी प्रशासन के पास है, क्योंकि हर रोज यहां से प्रशासनिक अधिकारी गुजरते हैं। लेकिन प्रशासनिक अधिकारी स्मारकों पर लगे होर्डिंगों को देखकर भी अनदेखा कर देते हैं। ऐसे में कैसे शहीदों के सम्मान को बचाया जा सकेगा? यह सोचने का विषय बन जाता है। जब इस बारे में एसडीएम डॉ. किरण सिंह से बात करनी चाही, तो बार-बार मिलाने पर फोन नहीं उठाया।
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