सत्यखबर सफीदों (महाबीर मित्तल) – सफीदों उपमण्डल के डिडवाड़ा गांव मे कथित रूप से करीब अढाई करोड़ रूपए कीमत की तालाब की शामलात जमीन को गैरकानूनी तरीके से बेच दिए जाने का एक और मामला सामने आया है। इस गांव कथित तौर पर गैरकानूनी तरीका अपनाकर करोड़ों रूपए कीमत की भूसम्पत्ति को बेच दिए जाने के आरोप का यह दूसरा मामला है। इस पहले इस गांव के हरीजन सहकारी समिति की 52 एकड़ कृषि भूमि की मलकियत तबदील कर इसे बेच दिया गया था और समिति के ही कई सदस्यों की शिकायत के साथ यह मामला हाईकोर्ट मे विचाराधीन बताया गया है।
नए मामले मे इस गांव के पूर्व पंच रामसिंह ने राज्य के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, पंचायत निदेशक व जिला उपायुक्त को शिकायत भेजकर आरोप लगाया है कि उसके गांव की 141 कनाल जमीन की राजस्व रिकार्ड मे हैसियत जमाबंदी वर्ष 1965-66 से 1972-73 तक गैरमुमकिन जोहड़ (तालाब) की थी जिसकी गिरदावरी चोरी छिपे गैरकानूनी तरीके व साजिश के तहत जमाबंदी वर्ष 1977-78 मे किसी जमनादत्त के नाम गिरदावरी बतौर दोहलीदार कर दी गई और बाद मे एक साजिश के तहत इसमे 82 कनाल जमीन की मलकियत बिना किसी सक्षम विभागीय अधिकारी की विधिवत स्वीकृति के तत्कालीन ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों ने जमनादत्त आदी के नाम तबदील करा दी।
जबकि शिकायतकर्ता के अनुसार तालाब की जमीन सहित किसी भी किश्म की शामलात जमीन की मलकियत को बिना जायज वजह, बिना पंचायत निदेशक एवम किसी अन्य सक्षम अधिकारी की विधिवत स्वीकृति के किसी के नाम तबदील नही किया जा सकता है। रामसिंह ने बताया कि गैरकानूनी ढंग से बेच दी गई जमीन की कीमत अढाई करोड़ से अधिक है।
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