सत्य खबर, नारायणगढ़ (सरिता धीमान)। केन्द्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता और जल शक्ति राज्यमंत्री रतन लाल कटारिया ने संत शिरोमणि गुरु रविदास जी के जन्मोत्सव पर सभी को बधाई देते हुए कहा कि हुए कहा कि सतगुरु रविदास जी भारत के उन विशेष महापुरुषों में से एक हैं जिन्होंने अपने आध्यात्मिक वचनों से एकता व भाईचारे पर जोर दिया। कटारिया नारायणगढ़ तथा गांव पंजलासा में गुरू रविदास जयंती के अवसर पर मंदिर कमेटी प्रधान हरि चन्द की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यतिथि लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। समरोह के विशिष्ट अतिथि भाजपा जिला अध्यक्ष राजेश बतौरा थे। कटारिया ने गांव पंजलासा में डा. अम्बेडकर भवन का शुभारम्भ भी किया। इससे पूर्व कटारिया ने गुरू रविदास मंदिर में माथा टेका और पूजा अर्चना की।
कटारिया ने कहा कि हम सब जानते हैं कि संत रविदास जी की सबसे प्रमुख शिक्षा यह थी कि हर कोई अच्छा और नेक इंसान बने तथा परिश्रम व ईमानदारी के साथ जीविका अर्जन करे। उन्होंने कहा कि हमारे लिए गर्व की बात है कि इस वर्ष गुरू रविदास जयंती पर भारत के महामहिम राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी ने विज्ञान भवन में अपना संदेश दिया। महामहिम राष्ट्रपति जी ने बताया कि संत रविदास यह कामना करते थे कि समाज में समता रहे तथा सभी लोगों की मूलभूत आवश्यकताएं पूरी हों। उन्होंने कहा कि संत रैदास ने साधु संतों की संगति से पर्याप्त व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त किया था। वे जूते बनाने का काम किया करते थे और ये उनका व्यवसाय था और अपना काम पूरी लगन तथा परिश्रम से करते थे और समय से काम को पूरा करने पर बहुत ध्यान देते थे। उनकी समयानुपालन की प्रवृति तथा मधुर व्यवहार के कारण उनके सम्पर्क में आने वाले लोग भी बहुत प्रसन्न रहते थे। संत रविदास के जीवन और वाणी में ईमानदारी से कमाई गई जीविका का आदर्श दिखाई देता है। अध्यात्म और भक्ति के मार्ग पर चलते हुए भी संत रविदास ने श्रम पर बहुत बल दिया था। वह कहते हैं – श्रम कउ ईसर जानि कै, जउ पूजहि दिन रैन द्य ‘रविदास’ तिन्हहिं संसार मह, सदा मिलहि सुख चैन। यानी श्रम को ही ईश्वर जानकर जो लोग दिन-रात श्रम की पूजा करते हैं, उन्हें संसार के सभी सुखचैन प्राप्त होते हैं। एक बार एक पर्व के अवसर पर पड़ोस के लोग गंगा स्नान के लिए जा रहे थे। रैदास के शिष्यों में से एक ने उनसे भी चलने का आग्रह किया तो वे बोले गंगा स्नान के लिए मैं अवश्य चलता किन्तु गंगा स्नान के लिए जाने पर मन यहाँ लगा रहेगा तो पुण्य कैसे प्राप्त होगा। मन जो काम करने के लिए अन्त:करण से तैयार हो वही काम करना उचित है। मन सही है तो इसे कठौते के जल में ही गंगा स्नान का पुण्य प्राप्त हो सकता है। कहा जाता है कि इस प्रकार के व्यवहार के बाद से ही कहावत प्रचलित हो गयी कि मन चंगा तो कठौती में गंगा। कटारिया ने कहा आज भी संत रैदास के उपदेश समाज के कल्याण तथा उत्थान के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने अपने आचरण तथा व्यवहार से यह प्रमाणित कर दिया है कि मनुष्य अपने जन्म तथा व्यवसाय के आधार पर महान नहीं होता है। विचारों की श्रेष्ठता, समाज के हित की भावना से प्रेरित कार्य तथा सद्व्यवहार जैसे गुण ही मनुष्य को महान बनाने में सहायक होते हैं। इन्हीं गुणों के कारण सन्त रैदास को अपने समय के समाज में अत्यधिक सम्मान मिला और इसी कारण आज भी लोग इन्हें श्रद्धापूर्वक स्मरण करते हैं। रैदास के 40 पद गुरु ग्रंथ साहब में मिलते हैं जिसका सम्पादन गुरु अर्जुन देव सिंह जी ने 16 वीं सदी में किया था। मेरा मानना है कि जो मानव मात्र की समानता और एकता में विश्वास रखता है और जो सभी प्राणियों के प्रति करुणा और सेवा का भाव रखता है, ऐसे प्रत्येक व्यक्ति गुरु रविदास का अनुयाई है। मानवता का कल्याण इसी में है कि हम सब लोग संत शिरोमणि रविदास जी के बताए मार्ग पर चलते हुए अपने व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन को आगे बढ़ाएं। इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष राजेश बतौरा ने सभी को संत शिरोमणि गुरू रविदास जी की जयंती की शुभकामनाएं देते हुए केन्द्रीय राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया का नारायणगढ़ में पहुंचने पर स्वागत करते हुए कहा कि उनके दिखाएं मार्ग पर देश व समाज के कल्याण के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में भाजपा की केन्द्र व प्रदेश की सरकार समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए काम कर रही है। सरकार गुरू रविदास जी के दिखाये मार्ग पर चलते हुए पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति का ध्यान कर उसके कल्याण एवं उत्थान के लिए काम कर रही है।
मंदिर सभा नारायणगढ़ द्वारा एक मांग पत्र केन्द्रीय राज्य मंत्री कटारिया को सौंपा गया। कटारिया ने सभी मांगों को पूरा करवाने का आश्वासन देते हुए डा. भीमराव अम्बेडकर भवन बनवाने के लिए 11 लाख रूपये की राशि देने की घोषणा की। इसी प्रकार कटारिया ने गांव पंजलासा में भी 11 लाख रूपये की राशि संत गुरू रविदास मंदिर तथा डा. भीमराव अम्बेडकर भवन के लिए देने की घोषणा की।
Aluminium scrap inspection services Aluminium recycling stewardship Scrap metal restoration