सत्यखबर सफीदों (महाबीर मित्तल) – सफीदों की नई अनाज मंडी के निर्माण से पूर्व जिन समाजों व लोगों की जमीनें अधिग्रहित की गई थी, उनको मार्किटिंग बोर्ड द्वारा प्लाट की बजाए बूथ देने की ऑफर पर पंचायत पंचायत महाजनान व ब्राह्मणान तथा अन्य लोग बिफर गए है और बुधवार को नई अनाज मंडी स्थित मार्किट कमेटी कार्यालय में मार्किटिंग बोर्ड के खिलाफ मार्किट कमेटी चेयरमैन विक्रम राणा व सचिव दीपक सिहाग के समक्ष अपना विरोध जाहिर किया और अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा।
पंचायत महाजनान की ओर से आए योगेश दीवान व पंचायत ब्राह्मणान के प्रतिनिधि अशोक शर्मा बिल्लू ने ज्ञापन में कहा कि सरकार व मार्किटिंग बोर्ड की पॉलिसी पर दोनों समाजों में गहरा रोष व्याप्त है। उन्होंने बताया कि सन् 1990 के आसपास सफीदों के असंध रोड पर नई अनाज मंडी बनाने के लिए जमीन अधिग्रहित की गई थी। उस अधिग्रहण में अन्य लोगों के साथ-साथ पंचायत महाजनान व पंचायत ब्राह्मणान की लगभग 61 कनाल 18 मरले जमीन भी अधिग्रहित हुई थी।
इस जमीन के बदले सरकार ने दोनों समाजों को केवल करीब पौने 8 लाख रूपए ही मुआवजे के तौर पर दिए थे और वायदा किया गया था कि दोनों समाजों को अलग-अलग से मंडी में प्लाट दिए जाएंगे। जमीन अधिग्रहण के 28 साल बाद मार्किटिंग बोर्ड के अधिकारियों ने उनको मंडी में बूथों की बोली पर बुलाकर कहा कि दोनों समाजों को मात्र 36 गज का एक बूथ दिया जा रहा है और उनको इसकी 22 लाख 76 हजार रूपए कीमत अदा करनी होगी।
योगेश दीवान व अशोक शर्मा ने इस पर विरोध जाहिर करते हुए अधिकारियों के समक्ष सवाल उठाया कि उनकी 35 हजार गज जमीन के बदले मात्र 36 गज का बूथ दिया जाना और उसके ऊपर करीब 23 लाख रूपए की मांग करना कहां का न्याय है। 35 हजार गज जमीन की कीमत मात्र 8 लाख रूपए दी गई और सरकार मात्र 36 गज जमीन की कीमत पौने 23 लाख रूपए मांग रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार व मार्केटिंग बोर्ड अग्रवाल समाज व ब्राह्मण समाज के साथ सरासर असहनीय अन्याय व मजाक कर रही है। योगेश दीवान व अशोक शर्मा ने सरकार व मार्किटिंग बोर्ड से मांग की कि इन दोनों समाजों को अलग-अलग से बूथ की बजाए मुफ्त प्लाट आबंटित किए जाएं। अगर सरकार को कीमत ही चाहिए तो उनसे जमीन अधिग्रहण कि वक्त दी गई कीमत वसूली जाए।
पंचायत महाजनान व ब्राह्मणान की तरह से ही नई मंडी निर्माण में अधिग्रहित की गई जमीनों के अन्य मालिक व उनके परिजन भी मार्किट कमेटी पहुंचे। गौरतलब है कि अधिग्रहण के वक्त रतन सिंह पुत्र सरदारा कि 36 कनाल, राजेंद्र पुत्र ज्ञानीराम की पौने 3 एकड़, विद्या देवी धर्मपत्नी खजाना राम की 16 कनाल, ताराचंद पुत्र कन्हैया लाल की 24 कनाल, महासिंह सैनी की करीब 50 कनाल तथा आदर्श राजकीय कॉलेज की भी जमीन अधिग्रहित की गई थी। इन लोगों को भी बूूथ की ऑफर की गई और 22 लाख रुपए की डिमांड की गई। इन जमीनों के मालिकों व परिजनों ने भी विरोध जाहिर किया और सरकार से बूथ की बजाय मुफ्त में प्लाट देने की मांग की।
इस मामले में मार्किट कमेटी सचिव दीपक सिहाग का कहना है कि आबंटन के लिए मार्किटिंग बोर्ड में एक कमेटी होती है और वहीं जगह व कीमत का निर्धारण करती है। वे उनकी बात का कमेटी के सम्मुख रखेंगे। वहीं ज्ञापन लेकर मार्किट कमेटी चेयरमैन राणा का का कहना है कि दोनों समाजों व अन्य लोगों की बात को वे सरकार व बोर्ड के सम्मुख रखेंगे तथा समस्या के निदान का प्रयास करेंगे।
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