सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) – भारत के 600 से भी अधिक रजवाड़ों को एक सूत्र में पिरोने का काम जिस व्यक्ति ने किया, वे सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम से जाने जाते हैं। सरदार वल्लभ भाई पटेल एक व्यक्ति ही नहीं, बल्कि वे एक लौहपुरुष थे। 31 अक्टूबर उनकी जयंती पर ऐसे साहसी पुरुष को वह शत-शत नमन करते हैं। यह बात प्रमुख समाजसेवी व कांग्रेस नेता रामनिवास सुरजाखेड़ा ने उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कही। सुरजाखेड़ा ने कहा, एक साधारण परिवार होने के कारण वल्लभभाई की शिक्षा कष्टों के बीच पूरी हुई। 1926 में वल्लभभाई की भेंट गांधी जी से हुई। बारडोली के एक किसान आंदोलन का सफल नेतृत्व करने के कारण गांधी जी ने उन्हें सरदार कहना शुरू कर दिया। वे स्पष्ट एवं निर्भीक वक्ता थे। 15 दिसंबर 1950 को भारत के इस महान सपूत का देहांत हो गया।
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