सत्यखबर सफीदों (महाबीर मित्तल) – उपमंडल सफीदों के गांव सिंहपुरा की अनुसूचित जाति भू मालिक सहकारी समिति के सदस्यों के बीच मनमुटाव के चलते कुछ सदस्यों ने समिति के प्रधान प्रीतू, सचिव सतबीर एवं दो अन्य सदस्यों पर समिति के नाम बैंक बचत खाता में जमा हुए करोड़ों की मुआवजा राशि में से 24.70 लाख रुपए के गबन का आरोप लगाया है। समिति के कुल 27 सदस्यों में से दर्जनभर सदस्यों ने मुख्यमंत्री को शिकायत भेजकर आरोप लगाया कि उनकी सहकारी समिति की अढ़ाई एकड़ जमीन सफीदों में हुडा की आवासीय कॉलोनी विकसित करने को विभाग ने अधिग्रहित की थी जिसका 2.09 करोड रुपए का मुआवजा समिति के केनरा बैंक की शाखा सफीदों के बचत खाता में विभाग द्वारा जमा करा दी गई थी।
शिकायत पक्ष के सदस्यों का कहना है कि 8 फरवरी 2019 तक इस राशि पर 2.09 लाख रुपये का ब्याज भी समिति के खाते में जमा हो गया था जिसके बाद समिति की कुल 2.12 करोड़ रुपए की राशि इस खाता में जमा थी। उन्होंने आरोप लगाया है कि समिति के प्रधान प्रीतू, सचिव सतबीर व दो सदस्यों कर्मचंद व राजकुमार ने मिलीभगत करके इस राशि में से 24.70 लाख रुपए की राशि का गबन कर लिया। इसका खुलासा करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि समिति के हर सदस्य का मुआवजा राशि में हिस्सा 7.84 रुपए बनता था जबकि आरोपियों ने प्रत्येक सदस्य को केवल 6.93 लाख रुपये देकर शेष राशि हड़प ली।
इस मामले की जांच सफीदों मंडी पुलिस चौकी के प्रभारी को सौंपी गई है। बता दें कि वर्ष 1956 में सरकार ने नजूल जमीनों को ग्रामीण क्षेत्रों में कास्त के लिए भूमिहीन दलितों को अलॉट किया था। इस विवाद की जमीन को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने सरकारी आवासीय कालोनी विकसित करने को वर्ष 2007 में अधिग्रहित किया था। सहकारी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मामला आरबिट्रेशन का बनता है लेकिन किसी पक्ष ने उनसे संपर्क नहीं किया है।
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