सत्यखबर, सतनाली मंडी (मुन्ना लाम्बा) – जैसे-जैसे मौसम बदलता है, बीमारियों का खतरा भी बढ़ता है। इस बदलते मौसम में बढ़ रहे बीमारियों के प्रकोप को लेकर जब सतनाली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ. मनीष से बात की तो उन्होंने कहा कि बदलता मौसम बीमारियों का संकेतक होता है। इस समय मच्छरों से होने वाली डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का भय तो रहता ही है, साथ ही वायरल फीवर का प्रभाव भी ज्यादा होता है। वायरल फीवर का मतलब है मौसमी बुखार। यह बुखार मौसम में आए बदलाव की वजह से ही होता है। वायरल बुखार की वजह से शरीर बीमारियों से नहीं लड़ पाता है क्योंकि यह बुखार हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को कमजोर बना देता है। वायरल फीवर बहुत तेजी से एक इंसान से दूसरे इंसान तक पहुंच जाता है जिससे यह बुखार एक साथ कई लोगों को हो जाता है। वायरल फीवर दूसरे बुखारों की तरह होता है लेकिन समय पर ध्यान न देने से यह बुखार खतरनाक रूप ले सकता है।
क्या-क्या हैं वायरल फीवर के मुख्य लक्षण?
वायरल फीवर के बारे में खांसी आना, गला दर्द करना, सिर दर्द होना, थकान होना, हाथ और पैरों के जोड़ों का कमजोर होना तथा उनमें दर्द होना, उल्टी और दस्त होना, बदन में दर्द, आंखों का लाल होना, माथे का बहुत तेज गर्म होना आदि लक्षणों से पता चलता है। डॉ. मनीष ने कहा कि यदि इन लक्षणों में से कोई भी लक्षण आपको लगता है तो समझें कि वायरल फीवर हो गया है। बड़ों के साथ यह वायरल फीवर बच्चों में भी तेजी से फैलता है। इसलिए इसे अनदेखा न करके जल्द से जल्द इलाज करवाना चाहिए व बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवाई नहीं लेनी चाहिए।
कैसे करें वायरल फीवर से बचाव?
वायरल बुखार से बचाव के उपायों के बारे में डॉ. मनीष ने बताया कि इस समय में ज्यादा ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए। रात के समय मच्छर भगाने के लिए कॉयल, ऑल आउट वगैरह का प्रयोग करना चाहिए तथा पूरे शरीर को ढक़ने वाले कपड़े पहने या पहनकर सोएं। अगर आपको शरीर में थोड़ी बहुत भी थकावट महसूस होती है तो तुरंत डॉ. को दिखाएं। इस समय में बासी भोजन न खाएं तथा बाहर की तली हुई वस्तुएं से कुरहेज करें। हरी सब्जियों व फलों को अच्छी तरह धोकर खाने से बदलते मौसम में होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है।
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