नरवाना से पैदल चलकर सफीदों पहुंचे 25 प्रवासी मजदूर
सत्यखबर, सफीदों: साहब, किसी तरह हमें हमारे गांव भेज दो, हम अपने परिवार से मिलना चाहते हैं। मीडिया के सामने यह कहना उन रोते-बिलखते प्रवासी मजदूरों का है जो नरवाना से पैदल चलकर सफीदों पहुंचे हैं। हालांकि प्रशासन ने उन्हें नगर की महाराजा शूरसैनी धर्मशाला में ठहरा दिया है। गौरतलब है कि जिला जींद ही नहीं अपितु पूरे हरियाणा में बिहार व उत्तर प्रदेश से प्रवासी मजदूर रोजगार के लिए आते हैं। कोरोना महामारी के चलते भारत सरकार द्वारा लागू लॉकडाऊन के कारण प्रवासी मजदूर जहां थे वहीं पर रह गए। आज उनके पास ना तो रोजगार और ना ही पैसे हैं। इनके सामने बेरोजगारी, परिवार व बच्चों से मिलने की वेदना मुंह बाए खड़ी है लेकिन वे कुछ भी नहीं कर पा रहे। इसी वेदना के चलते मजदूरों ने अपने मन को अडिग़ बनाकर पैदल ही अपने गांव की ओर पलायन कर दिया। इस पलायन के कारण सड़कों पर मजूदर व उनके परिवार पैदल ही चलते दिखाई पड़ रहे हैं। इसी कड़ी में 25 मजदूरों का एक दल पैदल चलकर नरवाना से सफीदों पहुंचा है। इस दल में आशिक के साथ 15 सदस्य संभल, दीपक के साथ 6 सदस्य बिजनौर, राहुल के साथ 2 सदस्य बुलंदशहर व सचिन के साथ 2 सदस्य मुजफ्फरनगर (उत्तरप्रदेश) के हैं। मजदूरों का कहना है कि बेशक वे इस धर्मशाला में ठहरे हुए हैं लेकिन उनका मन उनके गांवों व परिवारों में पड़ा हुआ है। इस महामारी में वे गांव पहुंख्चकर अपने परिवारों व बच्चों की संभाल करना चाहते हैं। उन्हें पता चला है कि सरकार ने बसों के माध्यम से प्रवासी मजदूरों को भेजने की व्यवस्था की है। उन्होंने सरकार व प्रशासन से मांग की कि बसों के माध्यम से उन्हें उनके गांव भेजने की व्यवस्था की जाए ताकि वे अपने बच्चों से मिल सकें। उन्होंने कहा कि वे पूरी तरह से स्वस्थ है और प्रशासन चाहे तो उनका मेडिकल चेकअप करवा सकता है। उनका कहना है कि हरियाणा सरकार उन्हें गाजियाबाद तक पहुंचा दे। वहां से वे उत्तरप्रदेश शासन द्वारा संचालित बसों के माध्यम से अपने घरों को चले जाएंगे। इस मामले में सफीदों के एस.डी.एम. मंदीप कुमार का कहना है कि अभी गंभीर स्थिति में इन मजदूरों को भेजे जाने की आज्ञा नहीं है और जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती तब तक उन्हें यहीं पर रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी ठहरे हुए लोगों को समय पर खाने-पीने की व्यवस्था दी जा रही है और उन्हें किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी।
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