सत्यखबर तरावड़ी (रोहित लामसर) – त्यौहारों का सीजन शुरू होते ही कस्बे में मिठाईयों की दुकानों पर बनने वाले खाद्य पदार्थों में मिलावट का खेल बदस्तूर जारी हैं। भले ही स्वास्थय विभाग ने तरावड़ी शहर में दो दुकानों में मिठाईयों के सैंपल भरकर रिपोर्ट संबधित विभाग तक भेज दी हो, लेकिन जब तक यह सैंपल फेल हैं या फिर पास, इसकी रिपोर्ट आऐगी तब तक तो मिलावटी मिठाईयां खाने वाले शहरवासी बीमार हो जाऐंगे। स्वास्थय विभाग ने सैंपल तो ले लिए, लेकिन इसकी रिपोर्ट कब आऐगी और मिलावटी मिठाईयां बेचने वाले दुकानदार के खिलाफ कब कार्रवाई होगी, इसके बारे में शायद किसी को भी नही पता। आपको बता दें कि तरावड़ी शहर में जब भी कोई अधिकारी सैंपल भरने के लिए पहुंचते हैं तो तरावड़ी शहर की सभी मिठाईयों की दुकानों के शटर गिर जाते हैं, इसका साफ मतलब यह निकलता है दुकानों के शटर गिराने वाले दुकानदार अवश्य ही मिठाईयों में मिलावट करते हैं।
यह सोचने वाली बात है कि यदि दुकानदार सही तरीके से खाद्य पदार्थ बेचता तो उसे किसी का डर तक नही होता। तरावड़ी शहर में दूध की डेयरियों पर मिलावटी दूध और पनीर के साथ-साथ खोया बिक रहा हैं। वही अधिकतर हलवाईयों की दुकान पर मिलावटी दूध ओर अन्य सामग्री से मिठाईयां तैयार की जा रही हैं। तरावड़ी क्षेत्र में चाहे बीकानेर की दुकान हो या फिर किसी बड़े हलवाई की। इन दुकानों पर दूषित पानी से बनाई गई दूषित मिठाईयां मंहगे दामों में बेची जा रही हैं। रसगुल्ले, गुलाबजामुन, बर्फी समेत अन्य मिठाईयों में मिलावटी खोया मिलाया जा रहा है। अधिकतर दुकानदार एवं मिठाई विक्रेता लोगों की सेहत के साथ सरेआम खिलवाड़ कर रहे हैं। लेकिन स्वास्थय विभाग की इस पर कतई नजर ही नही पड़ती। नाम न छापने की शर्त पर खुद मिठाई बनाने वाले एक कारीगर ने बताया कि मिठाईयों की दुकानों पर बिकने वाली मिठाईयों में मिलावट होती है।
कई दिन पहले बनाई गई मिठाईयों का गोदाम तैयार, तो कैसे हो सकती हैं ताजी :- कई-कई दिनों पहले बनाई गई मिठाईयां ताजी बताकर ग्राहकों को मंहगे दामों में बेची जा रही है। कई दिनों से एक ही गोदाम में रखी जाने वाली मिठाईयां भला कहां से ताजी हो सकती हैं। यह एक बड़ा सवाल है। त्यौहार के सीजन में हर घर मे मिठाई खरीदी जाती हैं। मिठाईयों की बिक्री भी दस गुणा बढ़ जाती हैं। मोटा मुनाफा कमाने के चक्कर में मिठाई विक्रेताओं ने अभी से मिठाईयां तैयार करके गोदाम फूल कर लिए हैं ओर यह मिठाईयां दीपाली के साथ-साथ अगले सप्ताह तक चलने वाले त्यौहारों में बेची जाऐंगी। तो खुद उपभोक्ता इसका अंदाजा लगा सकते हैं कि यह जो मिठाई वह खरीद रहे हैं वह कितने प्रतिशत ताजी हैं।
100 ग्राम के डिब्बे से कमा रहे मुनाफा :- तरावड़ी में स्थित बीकानेर की दुकान पर तो मिठाईयां तोलने के साथ-साथ
डिब्बे को भी साथ तोला जा रहा है। यदि कोई विक्रेता करीब 600 से 700 रुपए किलो वाली मिठाई खरीदता है तो वह उसे 1000 ग्राम की जगह 900 ग्राम दी जाती हैं। क्योंकि 100 ग्राम का मिठाई का खाली डिब्बा भी साथ तोला जा रहा है। ऐसे में तो ग्राहक को 60 से 70 रुपए का नुकसान हो गया। और ऐसे में रोजाना सैकड़ों ग्राहक मिठाई खरीदते हैं। और मिठाई विक्रेता मिठाई के डिब्बे का तोल साथ लगाकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं।
दीपावली त्यौहार के मद्देनजर सभी दुकानदारों को सख्त निर्देश दिए हुए हैं कि वह मिठाईयों में अच्छी सामग्री का इस्तेमाल करें। अब मिलावटखोर दुकानदारों एवं हलवाईयों पर शिंकजा कसा जाऐगा। दीपावली से पहले मिठाईयों की दुकानों पर मिठाईयों के अलावा सामग्री के सैंपल भरे जाऐंगे।
Metal disposal Ferrous material baling methods Iron scrap warehousing
Ferrous material standards, Iron reprocessing center, Metal scrap storage
Scrap Copper buyers Copper scrap supply Scrap metal refurbishing
Recycling Copper cables, Metal recycling industry regulations, Copper scrap marketing strategies