सत्यखबर,रेवाड़ी( संजय कौशिक )
गैंग ने दिया शातिराना तरीके से वारदात को अंजाम:एसबीआई बैंक ने वर्ष 2009 से लेकर वर्ष 2012 के बीच जो लोन जारी किए थे। उनमें से 213 पास किए गए लोन की किस्त संबंधित व्यक्तियों ने जमा ही नहीं कराई। बैंक ने कागजात खंगालने शुरू किए तो ये सभी लोन तिजारा व टपूकड़ा के लोगों के मिले। लोन की रकम वसूलने के लिए बैंक की तरफ से रिकवरी सूट डाला गया, जिसके बाद कई बड़ी परतें खुलती चली गई। इस मामले में एसबीआई के तत्कालीन कर्मचारियों की भूमिका से भी इंकार नहीं किया जा सकता तथा गाज गिरनी उन पर भी तय मानी जा रही है।
पुलिस ने अलग-अलग केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। यह घोटाला लोन लेने की आड़ में हुआ है तथा एसबीआई की शाखा से जुड़ा हुआ है। मगर अब देखना यह होता है कि आखिर इस मामले में कौन लोग दोषी हैं और उन पर क्या कार्यवाही अमल में लाई जाती है।