सत्यखबर जाखल (दीपक) – घग्गर नदी के तट पर बसे गांव सिधानी में पीने का पेयजल योग्य नहीं था। जिस कारण यहां पर कैंसर के मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी। जिसको लेकर कैंसर विरोधी समिति बनाकर ग्रामीण लामबंद हुए। तत्पश्चात जिला अतिरिक्त उपायुक्त जेके आभीर ने उस समय गांव गोद ले लिया था। ताकि यहां पर सबसे पहले पीने का स्वच्छ पेयजल प्राप्त हो एवं स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से मिले, गांव में गंदे पानी की निकासी का उचित प्रबंध हो। इसी योजना के तहत सरकार ने पहले ही मंजूरी दे दी थी, लेकिन लंबे समय से कैसे स्वच्छ पेयजल मुहैया होगा, इस पर संशय बना हुआ था। अब सरकार ने गांव की सिधानी को भाखड़ा नहर से पीने का पानी मुहैया कराने की योजना को मंजूरी दे दी है। इसके लिए जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को प्रोजेक्ट तैयार करने के निर्देश जारी करवाकर कार्य शुरू करवा दिया गया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला एवं कैंसर अगेंस्ट संघर्ष समिति के सदस्य अमित कुमार, सतीश कुमार, सुमेर पाल व गांव सिधानी के सरपंच बिक्कर सिंह सहित समूह ग्राम पंचायत के प्रयासों से सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद संबंधित विभाग ने प्रोजेक्ट की रूपरेखा तैयार कर इस पर लगभग 3 करोड़ 67 लाख 40 हजार रुपए से इस योजना पर खर्च करवाकर भाखड़ा मेन ब्रांच से इस गांव को स्वच्छ जल मुहैया करवाया जाएगा। इस योजना को जाखल खंड में अब तक की सबसे बड़ी परियोजना माना जा रहा है।
इसके लिए जिला प्रशासन एवं खंड विकास पंचायत अधिकारी सहित ग्राम पंचायत ने जलघर बनाने के लिए जमीन देखने सहित पाइप लाइन बिछाने के लिए प्रारूप तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। भाखड़ा का पानी लाने के लिए लगभग 3-4 किलोमीटर लंबी राइजिंग लाइन किसानों के खाल के सहारे डाली जाएगी। विभाग ने जलघर बनाने के लिए पहले ही ई-भूमि पोर्टल पर जमीन की मांग भेजी हुई थी, लेकिन अब विभाग को जमीन ग्राम पंचायत चांदपुरा के सरपंच बलदेव सिंह एवं पंचायत ने बादलगढ़ डिस्ट्रीब्यूटर के पास अपनी जमीन दान कर गांव सिधानी को दे दी गई है ताकि यहां के वासियों कोपीने का स्वच्छ एवं साफ पीने का पानी मुहैया हो सके।
भाखड़ा नहरी पानी गांव में लाने की योजना तैयार करने के दौरान अधिकारियों को जलघर बनाने के लिए जमीन नहीं मिल रही थी। शहर को कैनाल बेस्ड वाटर वर्क्स बनाकर स्वच्छ पेयजल मुहैया करवाने के लिए जनस्वास्थ्य विभाग ने कई माह पहले शहर के साथ लगते गांव चांदपुरा मैं एक दो जगह चिन्हित किया गया था, ताकि यहां जलघर बनाकर गांव की ढाणी तक पानी को ले जाया जा सके। करीब 2 वर्षों की कोशिश के बाद अब ग्राम चांदपुरा की पंचायत ने प्रस्ताव पारित कर 25 वाई 30 फिट जमीन देने को राजी हो गई है। इसी तरह से भाखड़ा से पानी लाकर गांव की सिधानी के जलघर के अंदर बड़ा प्रोजेक्ट बनाया जाएगा। वहां से पानी को फिल्टर कर ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाया जाएगा।
पूरे साल नहीं मिलता पानी, इसलिए बदला प्रोजेक्ट
इस बारे में गांव सरपंच बिक्कर सिंह ने बताया कि गांव सिधानी को स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने के लिए पहले काफी गहरा ट्यूबवेल लगाकर पानी उपलब्ध करवाने की योजना थी। लेकिन सामने आया कि दिनों दिन भूजल स्तर गिरता जा रहा है। जिसके चलते यहां के लोगों की समस्या बरकरार रहती है। पानी नहीं होने के कारण किल्लत के कारण लोगों को परेशानी होती, जबकि भाखड़ा का पानी पूरे वर्ष रहता है और इसका पानी नीले रंग का है और मीठा भी है। इसलिए सरकार की ओर से भाखड़ा से पानी लाने का प्रोजेक्ट मंजूर किया गया।
भाखड़ा से पानी लाने की बनाई जा रही रूपरेखा
जनस्वास्थ्य विभाग के एसडीओ दलविंदर सिंह ने बताया की गांव की सिधानी को कनाल बेस्ड वाटर वर्क्स से स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने के लिए प्रयासरत है गांव सिधानी में जो पहले ट्यूबवेल था उसका पानी भी कोई खराब नहीं था। कैंसर जैसी बीमारी किसी अन्य कारणों से गांव में बन रही है। फिर भी जनस्वास्थ्य विभाग को नहरी पानी यहां उपलब्ध करवाने के लिए जमीन की आवश्यकता थी वह मिल गई है। अब बादलगढ़ डिसटीब्यूटरी के किनारे वाटर पंप लगाया जाएगा। वहां से पाइप लाइन के जरिए गांव में पानी को इकट्ठा कर उसको फिल्टर कर घरों में सप्लाई किया जाएगा। एक जगह इतनी मात्रा में जमीन न मिल पाने के कारण विभाग छोटे-छोटे कई वाटर वर्क्स बनाकर समस्या का समाधान करना चाह रहा है।
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