सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
केएम राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, नरवाना के हिंदी सहायक प्रोफेसर जगबीर दूहन लॉक डाउन में समय व्यतीत करने के लिए हरियाणवी संस्कृति के साहित्य की पुस्तकें पढ़ रहे हैं। जिनमें विशेष तौर से लेखक प्रदीप नील वशिष्ठ का हरियाणवी उपन्यास, जाट कहवै सुण जाटणी तथा रघुवीर मथाना का ढब-ढब भर आए नैन, शामिल हैं। उन्होंने बताया कि लॉक डाउन के चलते पुस्तकें पढऩा समय के सदुपयोग का एक अच्छा माध्यम है। उनका कहना है कि हमारी आधुनिक पीढ़ी को हरियाणवी भाषा में साहित्य के प्रति रूचि दिखानी चाहिए तथा समय-समय पर प्रकाशित रचनाओं से अवगत होते रहना चाहिए। तब रचनाकार भी हरियाणवी पाठकों की रूचि के अनुरूप ही उच्च स्तरीय साहित्य लेखन को बढ़ावा दे पाएंगे, ताकि हरियाणवी में लेखन की विभिन्न विधाएं जीवित रह सकें।
Aluminium recycling contribution Aluminium scrap import/export regulations Metal recycling and rejuvenation
Metal recycling equipment Ferrous material recycling seminars Iron scrap refining services
Ferrous material recycling compliance, Iron scrap salvage center, Scrap metal import restrictions
Non-ferrous metal scrap Ferrous material shipping procedures Iron scrap inventory services
Ferrous, Iron processing, Metal scrap baling