सत्यखबर
जींद की जाट धर्मशाला में आज हरियाणा किसान यूनियन के द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। जिसमें प्रधान रणधीर रेढू, संरक्षक स्वामी आर्यवेश, मार्गदर्शक स्वामी रामवेश, महासचिव दीक्षेन्द्र आर्य, आईटी सैल संयोजक सोमदत्त एडवोकेट, सुनील कारल एडवोकेट, राजेन्द्र चहल उपस्थित रहे। रणधीर रेढू ने कहा कि देश मे चल रहे किसान आंदोलन को ओर मजबूत करने के लिए लीगल सैल व आईटी सैल को ओर ज्यादा तेज करेंगे।
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इस आंदोलन को इस समय सुरक्षा की सबसे ज्यादा जरूरत है। इसलिए हम सुरक्षा कवच के रूप में काम करेंगे। आंदोलन कर रहे किसानों को निःशुल्क लीगल सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी तथा किसानों के केस निःशुल्क लड़े जाएंगे। सरकार की आई टी सैल का जवाब देने व किसान नेताओं की बातों को जन जन तक पहुंचाने का कार्य करेंगे। उन्होंने बताया कि हरियाणा में किसान जाग्रति यात्रा 16 फरवरी छोटूराम जयंती पर शुरू की जाएगी। किसान आंदोलन पर एक डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म बनाई जाएगी।
एक हजार किसान आईटी वारियर्स तैयार किये जायेंगे। जिसके माध्यम से गाँव गाँव जाकर आंदोलन को मजबूत करने का कार्य किया जाएगा। सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा नई दिल्ली के प्रधान स्वामी आर्यवेश ने प्रधानमंत्री के लोकसभा मे दिए भाषण के ऊपर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि कानून का कोई विकल्प नही होता। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन पहले भी पवित्र था आज भी पवित्र है, किसी के बयान देने व प्रमाण पत्र देने से कोई पवित्र या अपवित्र नही होता।
इस अवसर पर सरकार से जो मांगे रखी गई उनमें किसान विरोधी तीनों कृषि कानूनों को तुरंत वापस किऐ जाने की मांग सबसे महत्वपूर्ण है। एमएसपी पर कानून बनाया जाए। गिरफ्तार किए गए बेकसूर किसानों को तुरंत रिहा किया जाए और उन पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं। 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड के दौरान लापता हुए किसानों का पता लगाया जाए। किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए तथा शहीद परिवारों से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाए । भविष्य में इंटरनेट की सेवाएं बाधित ना की जाएं।
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