सत्यखबर असंध ( रोहताश वर्मा ) – हरियाणा की वर्तमान सरकार सबका साथ सबका विकास के मूल मंत्र के आधार पर काम कर रही है। विकास कार्यों में भेदभाव की पुरानी सरकारों द्वारा डाली गई गलत परंपरा को तोड़ा गया है और इसका नतीजा है कि प्रदेश के सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए लगभग एक समान धनराशि राज्य सरकार द्वारा दी गई है। हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष और निदेशक वीरेंद्र सिंह चौहान ने क्षेत्र के राहड़ा गांव में आयोजित राहड़ा की बात कार्यक्रम में ग्राम वासियों को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। ग्रामोदय अभियान के अंतर्गत बढ़रा पट्टी चौपाल में आयोजित कार्यक्रम में प्रो. चौहान ने ग्राम वासियों की समस्याएं सुनीं और यह आश्वासन दिया की राहड़ा के विकास में आ रही तमाम बाधाओं को शीघ्र दूर कर लिया जाएगा।
अपने संबोधन में ग्रामोदय अभियान के संयोजक प्रो. वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि ग्राम विकास से जुड़ी सभी योजनाओं का लाभ राहड़ा को भी मिलना चाहिए और किसी वजह से अगर कहीं कोई बाधा है तो उसे दूर करने के लिए आधिकारिक स्तर पर प्रभावी उपाय किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जिन गांव की ग्राम पंचायतों ने बेहतर ढंग से अपना कार्य किया है, उन गांव की तस्वीर एकदम बदल गई है और करनाल जिले में रायसन इसी श्रेणी का एक गांव है जिसका अनुकरण बाकी गांवों को भी करना चाहिए। उन्होंने ग्राम वासियों का आवाहन किया कि वे अपने गांव को जगमग योजना के अंतर्गत लाने की दिशा में पहल कदमी करें ताकि प्रदेश के 24 घंटे बिजली पा रहे करीब 3000 गांव की सूची में इस गांव को भी शामिल किया जा सके।
इस अवसर पर ग्राम वासियों की ओर से मास्टर सुरेंद्र गांव की गलियों और फिरनी की दुर्दशा का हवाला दिया। एक पूर्व सैनिक ग्रामीण ने कहा कि गांव में विकास के लिए पैसा आया ही नहीं है। इसके प्रत्युत्तर में प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह चौहान ने ग्रामवासियों से पूछा कि क्या गांव में कोई भी गली अथवा भवन इस अवधि में बनकर तैयार नहीं हुआ। स्वयं ग्राम वासियों ने स्वीकार किया कि गांव की कई गलियां वर्तमान सरकार के कार्यकाल में बनी हैं मगर अभी अनेक गलियों में काम होना बाकी है। स्थानीय सांसद निधि से भी गांव में महाराणा प्रताप भवन के निर्माण का काम शुरू हुआ है । इसी प्रकार गांव की गौशाला में भी हरियाणा गौ सेवा आयोग की ओर से अनुदान राशि आई है। ग्राम वासियों ने कहा कि जिले का बड़ा गांव होने के कारण राहड़ा में ग्राम विकास के लिए और अधिक धनराशि आवंटित किए जाने की आवश्यकता है। ग्रामीणों ने बताया कि पानी की निकासी इस गांव की एक बड़ी चुनौती पूर्ण समस्या है जिसका तत्काल निराकरण होना चाहिए। नरेन्द्र राना ने राहड़ा में बसों की कमी का मुद्दा उठाया और कहा कि राहड़ा के लिए बसों की संख्या बढ़नी चाहिये ।
पानी की निकासी की समस्या पर चर्चा के दौरान मुख्य अतिथि प्रो. चौहान ने कहा कि निकासी की व्यवस्था निश्चित रूप से सरकार द्वारा की जाएगी मगर उससे पहले गांव के नौजवानों को एकजुट होकर पेयजल की बर्बादी रोकने के लिए अभियान चलाना होगा। चौहान ने कहा कि दूसरे अनेक गांवों की तरह राहड़ा में भी जितनी देर बिजली चलती है उतनी देर लोगों के समर्सिबल पंप और जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाए गए नल निर्बाध रूप से चलते रहते हैं। इसी का नतीजा है कि गांव के सभी जोहड़ लबालब पानी से भर गए हैं और नालियों के जरिए इन में जाने वाली गंदगी ने जोहड़ों के पानी को पशुओं के उपयोग के लायक भी नहीं छोड़ा है। उपस्थित ग्राम वासियों की तरफ से अमित सिंह ने जल संरक्षण के बारे उठाये जाने वाले कदमों को अत्यंत आवश्यक बताया और कहा कि निकासी के साथ – साथ इसकी भी अत्यधिक आवश्यकता है ।
गांव के विकास कार्यों को गति देने के लिए गांव में नौजवानों और प्रबुद्ध ग्राम वासियों पर आधारित एक ग्रामोदय टीम गठित करने का निर्णय लिया गया जो गांव की प्राथमिकताओं पर आमराय बनाएगी और उन्हें पंचायत व अन्य माध्यमों से सरकार तक पहुंचाया जाएगा।
इस अवसर पर वेदपाल, राजकुमार, पालाराम, नेत्रपाल, मांगे राम, सतपाल, ओम प्रकाश, रमन, संदीप ,प्रदीप ,सोना सिंह व गाँव के अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
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