सत्यखबर, चढ़ीगढ़
बता दे की पिछले कई दिनों से बारिश होने व बादल छाने से फसलों को नुकसान होने लगा है। मौसम में अधिक नमी होने के कारण तीन जिलों में सफेद मक्खी का प्रकोप शुरू हो गया। यह खुलासा केंद्रीय कपास अनुसंधान केंद्र की टीम द्वारा सिरसा, फतेहाबाद व भिवानी जिले में किए गए सर्वे से हुआ है। सर्वे में सफेद मक्खी का प्रकोप अधिक मिला है वहीं, फसलों में जड़ सड़न, पोषक तत्व कम होने से फसल सूख रही है। केंद्र द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट केंद्र व राज्य सरकार को भेजी जाएगी।
वर्ष 2015 में भी सफेद मक्खी से काफी नुकसान हुआ था। जिसके कारण प्रदेश सरकार ने किसानों को सफेद मक्खी से प्रभावित जिलों में मुआवजा भी बांटा गया। जिसके तहत करीब 967 करोड़ रुपये का मुआवजा किसानों को दिया गया।
केंद्र के निदेशक डॉ. ओपी टूटेजा द्वारा गठित टीम में कीट वैज्ञानिक डॉ. ऋषि कुमार, प्रिंसिपल वैज्ञानिक डॉ. सतीश कुमार सेन, डॉ. अमरप्रीत सिंसह, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ कॉटन रिसर्च से डॉ. विजेंद्र सिंंह ने गांव खेड़ी, गुसाइआना, नाथूसरी कलां, रामसरा, रूपाना बिश्नोइया, रूपाना खुर्द, भट्टू व अन्य गांवों का दौरा किया। टीम ने देखा कि कपास की फसल सूख चुकी है। मौसम में नमी अधिक होने से सफेद मक्खी अधिक है। अगर समय पर नियंत्रण नहीं किया गया तो फसलों को काफी नुकसान होगा। इसी के साथ फसलों में जड़ सड़न से कपास बुरी तरह प्रभावित हुई है।
बता दे की केंद्र के वैज्ञानिकों ने सफेद मक्खी को रोकने व जड़ सडऩ से फसल को बचाने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। जिससे अभी भी फसल को बचाया जा सकता है। कृषि वैज्ञानिक सतीश कुमार सेन ने बताया कि कपास की फसल ज्यादा मिश्रित स्प्रे करने से हुई है। जिन किसानों ने कम स्प्रे कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार की है उनकी फसल को नुकसान नहीं है। जिन किसानों की फसल खराब हुई है अभी उनको बचा सकते हैं। किसान निंबिकिडीन 300 पीपीएम या नीम का तेल 1.0 लीटर एकड़, 200 लीटर पानी में प्रति लीटर पानी में एक ग्राम निरमा डिटर्जेंट मिलाकर या क्लोरीनइंडिन 50 डब्ल्यूजी, 20 ग्राम प्रति एकड़ या स्प्रे डायफेनथियूरॉन 50 डब्ल्यूपी या फ्लोनिकमिड छिड़कने की सलाह दी जाती है।
केंद्रीय कपास अनुसंधान केंद्र सिरसा के निदेशक डॉ. ओपी टूटेजा का कहना है कि केंद्र की टीम ने सिरसा, फतेहाबाद व भिवानी जिले में सर्वे किया है। सर्वे में सफेद मक्खी व जड़ गलन से फसल खराब हुई है। इसकी रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। रिपोर्ट केंद्र सरकार व राज्य सरकार को भेजी जाएगी।
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