सत्यखबर नई दिल्ली (ब्यूरो रिपोर्ट) – जननायक जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि अपने कार्यकाल के आखिरी महीनों में हरियाणा सरकार ने राज्य को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि एक तरफ जहां हरियाणा में कानून व्यवस्था पूरी तरह विफल है, वहीं दूसरी ओर राज्य के विकास और जनकल्याण से जुड़े काम पटरी से उतर गए हैं।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि 2015 में घोषित मनेठी एम्स के रद्द होने के पीछे हरियाणा के भाजपा नेताओं की बड़ी विफलता है। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के रद्द होने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल और केंद्र में मंत्री राव इंद्रजीत जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित एम्स का श्रेय तो दोनों नेताओं ने लिया लेकिन इसे बनवाने का प्रयास किसी ने नहीं किया। उन्होंने कहा कि अहीरवाल और पूरे प्रदेश के लोगों को ये बताया जाना चाहिए कि मनेठी एम्स रद्द होने के पीछे जिम्मेदार कौन है।
जेजेपी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि भाजपा सरकार ने पहले खिलाड़ियों का सम्मान समारोह रद्द किया और अब टॉपर स्कूली बच्चों को लेपटॉप देने का समारोह स्थगित कर दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की इससे बड़ी विफलता क्या होगी कि चार साल से खिलाड़ियों को उनका सम्मान नहीं दिया जा रहा और स्कूली छात्रों को तीन साल से उनके इनाम के लैपटॉप नहीं दिए जा रहे हैं। दुष्यंत ने कहा कि हरियाणा उच्चतर शिक्षा विभाग के कैग ऑडिट में करोड़ों रूपये का एससी-ओबीसी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति घोटाला उजागर हुआ है लेकिन सरकार ने अब तक ना किसी पर कार्रवाई की है ना किसी ने इसकी जिम्मेदारी ली है।
दुष्यंत चौटाला ने कहा हरियाणा में कानून व्यवस्था अपने सबसे बुरे दौर में है। फरीदाबाद, सोनीपत, गुड़गांव की घटनाओं का हवाला देकर दुष्यंत ने कहा कि सरकार ने हरियाणा के लोगों को भगवान भरोसे छोड़ रखा है। उन्होंने हैरानी जताई कि सरकार में बैठे लोग पीड़ित को न्याय दिलवाने की बजाय उसमें कमियां गिनवाकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। दुष्यंत ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के मंत्री आपराधिक प्रवृति के लोगों को सहारा दे रहे हैं तभी मतदान के दिन पोलिंग बूथ पर और बीते सप्ताह भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी में नामी बदमाश एक मंत्री के साथ देखे गए। उन्होंने कहा कि सूबे के मुख्यमंत्री उनके अधीन गृह विभाग को गंभीरता से लें।
वहीं दुष्यंत चौटाला ने दादरी जिले में धरने पर बैठे किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि उनकी मांगे जायज है और सरकार किसानों को मुआवजा देने का काम करें। दुष्यंत ने कहा कि सरकार किसानों को मुआवजा देने की बजाय उन्हें डराने धमकाने का काम कर रही है। दुष्यंत ने मांग की कि इस बजट सेशन के सरकार ऐसा प्रस्ताव लाए कि अगर भूमि अधिग्रहण के दौरान किसी किसान का खेत दो हिस्से में बंटता तो उस नुकसान की भरपाई के लिए किसानों के लिए एडिशनल फंड की व्यवस्था बनाए।
साथ ही दुष्यंत चौटाला ने सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों के लिए इनकम टैक्स में राहत देने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि जैसे सरकार ने आम लोगों को 5 लाख रुपये तक और उद्योगपतियों को कई तरह की आयकर राहत दी है, उसी तर्ज पर देश के जवानों के लिए आयकर में राहत देने का प्रावधान केंद्र सरकार को करना चाहिए।
एक सवाल के जवाब में जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने कहा कि आम आदमी पार्टी के साथ लोकसभा का चुनाव लड़ना उनके लिए अच्छा अनुभव रहा और वे आप के साथ लम्बे वक्त तक सकारात्मक काम करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उनका गठबंधन सपा-बसपा जैसा नहीं है जो चुनाव खत्म होते ही खत्म हो जाए। उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी अंदरूनी तौर पर यह विचार कर रही है कि उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ना है या नहीं। दुष्यंत ने कहा कि फिलहाल जेजेपी की तैयारी सभी 90 सीटों पर है और आम आदमी पार्टी की तरफ से जैसे ही कोई निर्णय उन्हें बताया जाएगा, दोनों दल मिलकर उस पर निर्णय लेंगे।
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