सत्य खबर गुरुग्राम (ब्यूरो रिपोर्ट) – नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) की काली वर्दी और बिल्ली जैसी चपलता के चलते इसके कमांडोज को ‘ब्लैक कैट’ भी कहा जाता है। हर किसी को ब्लैक कैट कमांडो बनने का मौका नहीं मिलता है। कुछ ही लोग चयनित होते है और हरियाणा के मानेसर स्थित देश के एकमात्र एनएसजी ट्रेनिंग सेंटर में इन्हें इसके लिए तैयार किया जाता है।
यह हरियाणा के लिए भी गर्व की बात है की हमारी धरती पर ट्रेनिंग लेकर एनएसजी कमांडो देश की सेवा करते हैं। वो चाहे मुंबई में ताज हमले की घटना हो या फिर देश पर किसी तरह का कोई अन्य हमला, एनएसजी ने अपनी भूमिका हमेशा सिद्ध की है। एनएसजी के कमांडो ज्यादा मजबूत बनें, उनमें नए चैलेंज लेने का विश्वास जागे और लीडरशिप की भावना लाने के लिए साहस की विजय नाम से अभियान शुरू किया है।
इसके तहत एनएसजी के कमांडोज को अब अलग-अलग ग्रुप बनाकर माउंट एवरेस्ट पर भेजा करेंगे। इसका पहला ट्रायल पूरा हो चुका है, जिसमें एनएसजी से पहली बार 12 कमांडोज का ग्रुप माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने गया और सफलतापूर्वक चढ़ाई करके रविवार 2 जून को ही वापस लौटे हैं। ग्रुप सदस्यों का कहना है कि अभी तक हमें अंदर ही ट्रेनिंग मिलती थी लेकिन पहली बार ट्रेनिंग के दौरान ही बाहर जाकर चैलेंज लेने का मौका मिला, जिससे काफी उत्साह और विश्वास मिला है।
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