सत्यखबर, चढ़ीगढ़
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि हरियाणा में सरपंचों से पहले सांसदों और विधायकों पर राइट टू रिकॉल का कानून बनाया जाना चाहिए। अगर हरियाणा सरकार इस कानून के लिए गंभीर है तो पंचायतों से पहले सांसदों और विधायकों पर इसे लागू करे। इसके साथ ही उन्होंने राज्य सरकार पर निजीकरण और बेरोजगारी के मुद्दे पर हमला किया।हुड्डा ने प्रदेश सरकार पर निजीकरण और बेरोजगारी को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। उन्होंने धान, रजिस्ट्री शराब घोटालों का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार घोटालों पर टिकी हुई है। हुड्डा का कहना है कि सरकार एक-एक करके तमाम महकमों को निजी हाथों में सौंप रही है। कोरोना काल में रोजगार देने के बजाय संकट की घड़ी में नौकरियां छीनने का कार्य कर रही है। वहीं, हरियाणा को अपराध और बेरोजगारी में नंबर-एक बताया। पत्रकारों के सवाल पर हुड्डा ने कहा कि सरपंचों से पहले सांसद-विधायकों पर राइट टू रिकॉल बिल लागू हो।
पूर्व सीएम ने कहा कि राइट टू रिकॉल के नियम को यदि सरपंचों पर लागू किया जाएगा तो इसका गांवों के भाइचारे पर बुरा असर पड़ेगा। अगर सरकार राइट टू रिकॉल की इतनी ही हिमायती है तो इसे पहले विधायकों पर लागू करे। अगर ऐसा होता है तो सरकार का कार्यकाल एक ही साल में पूरा हो जाएगा और जनता इसके विधायकों के खिलाफ सबसे पहले इसका इस्तेमाल करेगी।
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