सत्यखबर चंडीगढ़ (ब्यूरो रिपोर्ट) – हरियाणा की पोल्ट्री इंडस्ट्री को बचाने और राहत देने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला किया है। पोल्ट्री और हैचरी के मालिकों के सामने सबसे बड़ी दिक्कत ये आ रही थी कि, बिजनेस प्रभावित होने के बाद वे मुर्गियों को दाना (फीड) कहां से खिलाएंगे?
मुर्गियों के लिए जो फीड बनती है ,वो मक्की में बाजरा मिलाकर बनती है। ट्रांसपोर्ट रुकने से बिहार और उत्तर प्रदेश से आने वाले मक्की के ट्रक रास्तों में ही फंसे हुए थे। हरियाणा सरकार ने सबसे पहले तो उत्तर प्रदेश में फंसे फीड वाले मक्की के ट्रकों को निकलवाया। इसके अलावा हैफेड के स्टॉक में जितना भी बाजरा स्टॉक में पड़ा हुआ है उसे “हाईली सब्सिडाइज्ड” रेट पर मुर्गी पालकों देने का फैसला किया है।
लगभग 10 हजार क्विंटल बाजरा, पंचकूला जिले के मुर्गी पालकों को दिया गया है। इसके साथ ही अगले 3 दिनों तक कोई भी मुर्गी पालक हरियाणा सरकार और हैफेड के स्टॉक से फीड के लिए सब्सिडाइज्ड बाजरा खरीदने के लिए संपर्क कर सकता है।
Aluminium scrap redistribution Aluminum recycling solutions Scrap metal reprocessing centers
Metal scrap traceability Ferrous metal reclamation services Iron reclamation and recovery
Ferrous scrap recycling processes, Iron scrap inspection services, Scrap metal lifecycle management
Scrap metal material handling Ferrous scrap sustainability Recycling iron scraps
Ferrous metal recycling guidance, Iron and steel scrapping and recovery, Metal scrap inspection
cortiscoseroid joint pain peripheral neuropathy purpura ubnbkcdq pain in elbow joint after blood test