सत्य खबर
अंबाला शंभू बॉर्डर से 5000 गाड़ियों के क़ाफ़िले के साथ किसानों ने भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी के नेत्रत्व में दिल्ली की और कूच किया।क़ाफ़िले में किसानो जोश देखते ही बन रहा था और दिल्ली जाते हुए जी॰टी॰ रोड पर शाहबाद ,पिपली व करनाल में किसानो ने पुष्पवर्षा कर क़ाफ़िले का स्वागत किया ।
गौरतलब है ,की कृषि क़ानूनों की वापसी व एम॰एस॰पी॰ की क़ानूनी गारंटी के लिए देश भर के किसान 25 नवंबर से दिल्ली के बॉर्डरो पर डेरा डाले हुए है,लेकिन 6 महीने से ज़्यादा होने के बावजूद केंद्र सरकार ने किसानो की जायज़ माँगो को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई है वहीं किसान भी पीछे हटने को तैयार नहीं है।
इसी कड़ी में आंदोलन को मज़बूत करने के लिए अंबाला ज़िला से किसानो ने विशाल क़ाफ़िला बनाकर दिल्ली कूच किया,इस क़ाफ़िले की अगुवाई किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने की। गुरनाम चढूनी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा की अंबाला ज़िले की किसानो ने आज फिर आंदोलन में नई ऊर्जा व जोश को बढ़ा दिया है, किसान नेता ने बताया की 25 नवंबर को दिल्ली कूच के दौरान भी अंबाला ज़िले के किसान बेरिगेट तोड़ते हुए मोर्चे को दिल्ली लेकर गए थे और आज फिर अंबाला के किसानो ने हज़ारों को संख्या में दिल्ली पहुँच कर आंदोलन को नई दिशा देने का काम किया है।
गुरनाम चढूनी ने दोहराया की जब तक कृषि क़ानून रद्द नहीं हो जाते व एम॰एस॰पी॰ पर लिखित गारंटी नहीं मिल जाती तब तक ये सिलसिला यूँही चलता रहेगा । वहीं दूसरी और भा०कि०यू० (चढूनी) के मीडिया प्रभारी राकेश बैंस ने बताया की टोहाना में किसानो की गिरफ़्तारी के मामले को लेकर प्रशासन से किसान नेताओ की 4 घंटे तक चली वार्ता बेनतीजा रही है व अगर की अतिशीघ्र सम्मानजनक रिहाई नहीं की गई तो कोई ठोस निर्णय सयुंक्त किसान मोर्चा द्वारा लिया जा सकता है ।
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