सत्यखबर, पानीपत
पिछले लंबे समय से बिजली उपभोक्ता गलत बिजली बिल के चलते कई महीनों तक बिजली विभाग के चक्कर काटते रहते थे. कई बार तो दर-दर की ठोकरें खाने के बाद भी उपभोक्ताओं की समस्या का समाधान नहीं हो पाता था. जिसे देखते हुए बिजली विभाग के अधिकारी एसई ने 4 शाखाओं की सामूहिक मीटिंग बुलाई. इस बैठक के बाद के शहरवासियों के लिए अच्छी खबर सामने आई है. इस मीटिंग के बाद फैसला लिया गया है. कि अगर बिजली उपभोक्ताओं को गलत बिल मिले तो उन्हें एक माह में ठीक किया जाएगा. अब ऑटो मोड पर गलत बिलों को ठीक करने की प्रणाली के तहत ही काम होंगे. बिजली निगम का भी यही प्रयास रहेगा कि उपभोक्ताओं को गलत बिल ठीक करवाने के लिए कार्यालयों में चक्कर न लगाने पड़ें। ये बैठक शुक्रवार को 33 केवी सब स्टेशन मिनी सचिवालय के सभागार में हुई. मीटिंग की अध्यक्षता पानीपत सर्कल के एसई एसएस ढुल ने की. एसई ने दावा किया कि अब ऐसी प्रणाली के तहत काम किया जाएगा. कि सभी उपभोक्ताओं के पास बिजली बिल सही पहुंचे। इसके लिए मीटर रीडरों को भी नए तकनीकी वाले स्मार्ट मीटरों से रीडिंग लेने, रीडिंग अपडेट करने, बिल बनवाने तक की कार्यप्रणाली को सुधारने के लिए स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके लिए निगम ने ट्रेनिंग शेड्यूल भी जारी कर दिया है. यह ट्रेनिंग विशेष रूप से शनिवार यानि आज दी जाएगी।
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एसई एसएस ढुल ने बिल गलत आने के छोटे से छोटे कारणों की ही समीक्षा की. ऐसी समस्याओं को जड़ से खत्म करने के निर्देश दिए गए. भविष्य में किसी को गलत बिल ही न मिले. इससे निगम का भी समय बचेगा और लोगों को भी राहत मिलेगी. मीटिंग में तीनों डिविजन एक्सईएन और एसडीओ शामिल हुए. अब जल्दी ही जेई रैंक अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी. एलडीसी, यूडीसी रैंक समेत मीटर रीडरों उनकी फर्म के साथ भी बातचीत कर गलत बिजली बिलों का पूरा ब्यौरा और उनके कारणों की जांच की गई. सुझाव मांगे गए कि इस समस्या को खत्म कैसे किया जा सके। एसई एसएस ढुल ने बोल दिया कि वह सुधार के लिए कर्मचारियों को हर तरह के मौके देंगे. इसके लिए प्रशिक्षण भी दिलवाएंगे. इसके बाद भी जो कर्मचारी अपनी कार्यप्रणाली सुधार ही लेकर नहीं आएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई तय है. जो कर्मचारी नहीं सुधरेगा उसकी कोई जरूरत नहीं है। आपको बता दें कि जुलाई माह में करीब 50 हजार उपभोक्ताओं को गलत बिजली बिल मिले. इनको ठीक करने के लिए खुले दरबार लगाए गए, सीजीआरएफ टीमों ने भी अपने खुले दरबार में समाधान किया. अब ऐसे गलत बिजली बिल केवल 25 हजार ही बचे हैं।
समीक्षा में सामने आया कि नए स्मार्ट मीटरों की रीडिंग लेते समय रीडरों को परेशानी आ रही है. नई तकनीक उनकी समझ में नहीं आई है. जिसके बाद रीडिंग को कंप्यूटर में फीड करने में भी बिजली बिल गलत बन जाते हैं. इसके समाधान के लिए सभी मीटर रीडरों को ट्रेनिंग देने का फैसला लिया गया है. अधिकारियों में उनके काम को लेकर सामंजस्य बैठाया गया।
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