सत्य खबर, चण्डीगढ़
हरियाणा में किसानों व पुलिस और सरकार के बीच अजब किस्सा चल रहा है। पहले किसान प्रदर्शन करते हैं। जिसके बाद पुलिस प्रदर्शनकारी किसानों पर केस दर्ज करती है। वहीं हो हल्ले के बाद सरकार केस रद्द करा देती है। टोहाना व हिसार के बाद अब सिरसा में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 900 किसानों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इन किसानों ने हरियाणा विधानसभा उपाध्यक्ष रणबीर सिंह गंगवा की सरकारी कार पर हुए पथराथ के सिलसिले में गिरफ्तार पांच किसानों की रिहाई की मांग को लेकर धरना दिया था। इन सभी किसानों पर हरियाणा के सिरसा जिले के बड़ागुढ़ा, डिंग, सदर डबवाली और सिरसा सिविल लाइन थानों में एफआईआर दर्ज की गई है। उधर हरियाणा के रेवाड़ी में दिल्ली-जयपुर हाइवे स्थित जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों के बीच आज भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत पहुंचेंगेकिसानों पर सरकारी कार्य में बाधा डालने, राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित कर आमजन को परेशान करने और प्राण घातक बीमारी फैलाने की आशंका के दृष्टिगत सहित विभिन्न धाराओं में मामले दर्ज किए गए हैं।
बता दें कि किसान संगठनों ने 21 जुलाई को राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या नौ पर सिरसा जिला के भावदीन टोल प्लाजा, सांवत खेड़ा टोल प्लाजा, गांव साहूवाला और सिरसा शहर के दक्ष प्रजापति चौक पर बेमियादी धरना देने के अलावा दो घंटे राष्ट्रीय राजमार्ग को भी जाम कर दिया था। उधर गिरफ्तार पांच किसानों को स्थानीय अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के बाद देर शाम जेल से रिहा कर दिया गया था।पुलिस अधीक्षक अर्पित जैन के अनुसार थाना डबवाली में पुलिस के सिक्योरिटी कर्मचारी इंद्रपाल की शिकायत पर लीलावाली गांव के पूर्व सरपंच मुख पाल सिंह, देसू जोधा गांव के गुरू प्रेम और खुशदीप सिंह समेत करीब 200 किसानों के खिलाफ राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करने समेत अन्य आरोपों में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा बड़ागुढ़ा थाना में सिक्योरिटी कर्मचारी गुरविंदर सिंह के ब्यान के आधार पर करीब 250 अज्ञात किसानों तथा डींग थाना में थानाधिकारी कश्मीरी लाल की शिकायत पर करीब 150 किसानों के खिलाफ उपरोक्त धाराओ में मामले दर्ज किए हैं। इसके अलावा सिरसा सिविल लाइन थाना में करीब 300 किसानों के खिलाफ उक्त धाराओं में मामले दर्ज किए गए हैं।
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एसपी जैन ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के हाल में जारी निर्देशों का पालन करते हुए जनता से मिल रही शिकायत के बाद ये मामले दर्ज किए गए हैं। उधर किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा गुरुवार को जेल से रिहा हुए पांच किसानों के साथ शहर के चिल्ला साहिब गुरुद्वारे पहुंचे। जहां उन्हें गुरुद्वारा प्रबंधन ने सिरोपे भेंट कर सम्मानित किया गया। हरियाणा किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष प्रहलाद सिंह भैरू खेड़ा का कहना है कि सरकार ने अगर किसान आंदोलन में शामिल किसानों को गिरफ्तार करने की कोशिश की तो अब प्रदेश भर के सभी थानों का घेराव किया जाएगा।चल रहा केस दर्ज व रद्द करने का सिलसिलाबता दें कि प्रदेश में किसानों के धरने प्रदर्शन जारी हैं। जिसके चलते हरियाणा पुलिस कभी भी प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ केस दर्ज कर देती है। जिसके बाद किसान नेता किसानों पर दर्ज मामले रद्द कराने के लिए धरने-प्रदर्शन यहां तक की आमरण अनशन करने पड़ते हैं। वहीं प्रदर्शनों को बड़ा होते देख हरियाणा सरकार किसानों पर दर्ज केसों को रद्द करा देती है। ऐसा एक जगह नहीं हो रहा है बल्कि कई जगह हो चुका है।
पहले टोहाना में हुआ, यहां जेजेपी विधायक देवेद्र बबली की गाड़ी का शीशा तोड़ दिया था। जिसके बाद पुलिस ने कई किसानों के खिलाफ केस दर्ज कर 3 किसानों को गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद टोहाना में थाने के बाहर किसान नेता गुरूनाम चढूनी समेत कई बड़े नेताओं ने धरना दिया। यहां तक की थाने में ही अपने पशु बांधने शुरू कर दिए तो सरकार के आदेश पर पुलिस ने गिरफ्तार किसानों को रिहा कर दिया तथा केस रद्द करा दिए। वहीं कुरूक्षेत्र में भी ऐसा हुआ। हिसार में भी 16 मई को मुख्यमंत्री मनोहर लाल का विरोध करने पर 350 किसानों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। वहीं शुक्रवार देर सांय मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आदेश पर इन सभी किसानों पर दर्ज केस रद्द किए जाने के आदेश दिए हैं।
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