क्राइम्‌हरियाणा

अलवर के सरिस्का क्षेत्र में टाईगर ने मचाया आतंक,वन संरक्षक ने दी चेतावनी, श्रद्धालु पांडुपोल ना जाए

 सत्य ख़बर,अलवर, सतीश भारद्वाज :

गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में ट्रेनिंग एयर होस्टेस यौन उत्पीडन मामले में आरोपी गिरफ्तार,800 CCTV कैमरों की खंगाली गई फ़ुटेज
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राजस्थान के जिला अलवर के अंतर्गत आने वाला सरिस्का क्षेत्र में वीरवार को टाइगर ने कई गांव में आतंक मचा कर लोगों को घायल किया। जिसको लेकर अलवर वन विभाग संरक्षण ने चेतावनी जारी कर टाइगर को तलाश करना शुरू कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वीरवार 15 अगस्त को उप वन संरक्षक अलवर अधीन राजस्व ग्राम दरबारपुर, अहीर भगोला, तहसील मुण्डावर के समीप एसटी-2303 नर बाघ के का विचरण (मुवमेन्ट) बना हुआ है। बाघ परियोजना सरिस्का व उप वन संरक्षक अलवर की 10 टीमें क्षेत्रीय वन अधिकारियों के नेतृत्व में टाईगर को ट्रेक करने के अथक प्रयास किये जाकर घटना स्थल पर मौजूद है। इसके बारे में प्रेस नोट जारी कर चेतावनी जारी की है। उपवन संरक्षक राजेन्द्र हुड्डा ने बताया कि नर बाघ की सघन मोनेटरिंग में उप वन संरक्षक बाघ परियोजना सरिस्का एवं उप वन संरक्षक अलवर की 10 मोनेटरिंग टीमें एवं मौके पर प्रशासन, (ए.डी.एम/उप खण्ड अधिकारी/उप अधिक्षक पुलिस) व पुलिस जाप्ता मौजूद है तथा बाघ की सघन ट्रैकिग / मोनेटरिंग कर Localise कर पशु चिकित्सक टीम तथा ट्रैक्यूलाईज टीम उक्त नर को रेस्क्यू कर ट्रैक्यूलाईज करनें के निरन्तर प्रयास जारी है। बाघ एसटी-2303 के विचरण को दृष्टीगत रखते हुये आप-पास के गांवों में चेतावनी / अपील जारी कर दी गई है। आम जन अपने-अपने घरों में रहें, जिससे की जन हानी होने की सम्भावना से बचा जा सके तथा एतिहात तौर पर सावधानी बरते तथा बाघ संबंधित साक्ष्य / सूचना मिलने पर सन्तोष कुमार सहायक वन संरक्षक सरिस्का के मोबाईल न. 9928641364 पर सूचित करे। वहीं नजदीकी गांव पंचायत दरबारपुर पंचायत समिति मुंडावर खैरथल-तिजारा ने भी ग्रामवासियों को सूचित किया हैं की आज सुबह से टाइगर द्वारा 2 व्यक्तियों पर आक्रमण की घटना घटित होने के साथ ग्राम पंचायत के आस पास गतिविधि दर्ज की जा रही हैं, टाइगर के पैरों के निशान ग्राम दरबारपुर के राजकीय विधालय एवं शमशान भूमि के आस पास देखे गए हैं। अतः टाइगर के जान माल के खतरों को देखते हुए सभी ग्राम वासियों से आग्रह किया जाता हैं की संध्या उपरांत खेतों में नहीं जाए। तथा दुपहियों वाहनों से भी अकेले कही ना जाए। वहीं गुरुग्राम के कुछ जागरूक लोगों ने भी जोकि शनिवार व मंगलवार को सरिस्का के जंगलों में बने प्राचीन श्री पांडुपोल हनुमान मंदिर जाते हैं। जब तक टाइगर का आतंक मचा हुआ है जाने से बचें।

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