सत्यखबर, दिल्ली
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद छोड़ने पर गंभीरता से मंथन शुरू कर दिया है। उन्होंने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है। माना जा रहा है कि कैप्टन राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं। दूसरी ओर, राजभवन सूत्रों के अनुसार, कैप्टन के आगमन को लेकर राजभवन में गहमागहमी तेज हो गई है। इस बीच, विधायक दल की बैठक के मद्देनजर पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ को पार्टी हाईकमान ने चेन्नई से चंडीगढ़ बुला लिया है। कुछ देर पहले ही जाखड़ ने ट्वीट कर राहुल गांधी के पंजाब संबंधी फैसले का स्वागत किया। हालांकि ट्वीट में उन्होंने फैसले के बारे में खुल कर कुछ नहीं लिखा। वहीं, जाखड़ को लेकर यह कयास लगाए जा रहे हैं कि शाम पांच बजे कांग्रेस भवन में उन्हें विधायक दल का नेता चुन लिया जाएगा और कैप्टन के स्थान पर जाखड़ मुख्यमंत्री बनाए जाएंगे।
कैप्टन सिसवां से चंडीगढ़ अपने सरकारी आवास पर पहुंच गए हैं और यहीं पर वे अपने समर्थक विधायकों के साथ बैठक कर रहे हैं। मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा, साधु सिंह धर्मसोत और विजयइंदर सिंगला समेत कई विधायक सीएम आवास पहुंचे हैं। इसके साथ ही, यह अटकलें भी लगाई जा रही हैं कि हाईकमान नवजोत सिद्धू की जगह जाखड़ को फिर से प्रदेश इकाई की कमान सौंप सकती है क्योंकि पंजाब कांग्रेस के पूरे विवाद का मुख्य कारण सिद्धू रहे हैं और अगर इस समय सरकार गिरती है या पार्टी को आगामी चुनाव में नुकसान होने की आशंका पैदा होती है तो इसका ठीकरा नवजोत सिद्धू के सिर ही फूटेगा।
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वहीं मौजूदा हालात में कांग्रेस हाईकमान के लिए कैप्टन को अलग-थलग करना आसान नहीं रह गया है। यदि कैप्टन अपने समर्थक विधायकों के साथ इस्तीफा देकर अलग हो गए तो पंजाब में कांग्रेस की सरकार गिर जाएगी और केंद्र सरकार के लिए प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा, क्योंकि प्रदेश में कांग्रेस विधायक दल के दो-फाड़ होने के बाद किसी भी दल के पास इतने विधायक नहीं रहेंगे कि वह अपने दम पर या किसी दूसरे दल के सहयोग से सरकार बना सकें।
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