सत्यख़बर डेस्क
गड़ियाघाट माताजी के मंदिर चमत्कार के लिए प्रसिद्ध है। कालीसिंध नदी के किनारे बने इस मंदिर में दिया जलाने के लिए तेल या घी की जरूरत नहीं होती है क्योंकि यहां दीपक जल से जलता है और इस जादू को देखने के लिए लोग आते हैं।
बता दे कि यह मंदिर मध्यप्रदेश में है। गड़ियाघाट वाली माताजी के नाम से प्रचलित यह मंदिर कालीसिंध नदी के किनारे आगर-मालवा के नलखेड़ा गांव से तकरीबन 15 किमी दूर गाड़िया गांव के पास है।
पुजारी के सपने में मातादी ने कही थी यह बात:
मंदिर के पुजारी ने कहा, पहले यहां हमेशा तेल का दिया जला करता था, लेकिन करीब 10 वर्ष पहले उन्हें माता ने सपने में दर्शन देकर जल से दिया जलाने के लिए कहा था। इसके बाद सुबह उठकर जब पुजारी पास बह रही कालीसिंध नदी से जल भरा और उसे दीपक में डाला। दीपक में रखी रुई के पास जैसे ही जलती हुई माचिस ले जाई गई, वैसे ही ज्योत जलने लगी।
कोविड मरीजों को भर्ती कराने व उपचार के दौरान देखभाल करने के लिए अस्पतालों के लिए लगाए गए डयूटी मैजिस्टे्रट ….जानिए किसे कहां लगाया गयायह देखकर देखकर पुजारी हैरान हो गया। उन्होंने इस बारे में कुछ ग्रामीणों को बताया तो उन्होंने भी पहले विश्वास नहीं किया, लेकिन जब उन्होंने भी दीपक में जल डालकर ज्योति जलाई तो ज्योति जल उठी। इस जादू के बारे में पूरे गांव में चर्चा फैल गई।
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