सत्त्य खबर, रोहतक
हरियाणा के रोहतक जिले के गांव सीसर खास की बेटी सुनीता के पास अभ्यास के लिए सुविधा नहीं मिली तो घर में ही ईंट-पत्थरों को वेट बनाकर अभ्यास कर सुनीता वेट लिफ्टिंग में अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बन गई। देश-विदेश में मेडल जीत रही हैं। एक समय आया जब बेटी को अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में भेजने के लिए उनकी मां ने ब्याज पर पैसे तक उठाने पड़े। बीए द्वितीय वर्ष में शिक्षा ग्रहण करने वाली इस बेटी को गरीबी के कारण कदम-कदम पर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
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बेटी के पास रहने के लिए खुद की जमीन नहीं है पंचायती जमीन में ही कच्ची ईंटों के दो कमरे बने हैं, उन पर दरवाजे नहीं हैं। वे स्वयं भी मजदूरी करने मां के साथ जाती हैं। उनका सपना ओलंपिक में देश के लिए मेडल जीतना है। महम-भिवानी रोड स्थित सीसर खास गांव निवासी कुमारी सुनीता कश्यप पिछले पांच साल से ईंट-पत्थरों को लाठी आदि से बांधकर घर पर ही वेट लिफ्टिंग का अभ्यास करती आ रही हैं। सुनीता के तीन भाई हैं। बड़ा भाई शादी के बाद से अलग रहता है। दो भाई छोटे हैं।
एक भाई ने नौवीं कक्षा से गरीबी के कारण स्कूल छोड़ दिया है। माता-पिता मजदूरी करते हैं। दरअसल, पहले सुनीता गांव के सरकारी स्कूल में कबड्डी व फुटबाल खेलती थी। उन्हें भारत की वेटलिफ्टर कर्णममल्लेश्वरी के विषय में किताबों से जानकारी मिली तो उन्होंने भी कबड्डी व फुटबाल की बजाय वेटलिफ्टर बनने की ठान ली और घर पर ही लाठी के दोनों सिरों पर ईट पत्थरों को बांधकर वेट लिफ्टिंग की प्रैक्टिस शुरू की।
2018-19 में उन्होंने महम के राजकीय महाविद्यालय में बीए प्रथम वर्ष में फिर से दाखिला लिया। उन्होंने महम में एक निजी जिम में प्रैक्टिस शुरू की। प्रैक्टिस के दौरान उनका चयन भारत की टीम में कर लिया गया और फरवरी 2020 में थाईलैंड में हुई अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता। उसके बाद कोरोना वायरस व लॉकडाउन के कारण उन्होंने एक बार फिर से ईंटों व पत्थरों को अपना साथी बना लिया और अपनी प्रैक्टिस जारी रखी। अब फरवरी में युक्रेन में होने वाली अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में मेडल जीतने के लिए पसीना बहा रही हैं। कोच गोपाल राय व संदीप कड़वासरा के मार्गदर्शन व माता-पिता के अथक प्रयासों से वे इस मंजिल तक पहुंची हैं।
ब्याज पर रुपये लेकर भेजा बेटी को थाईलैंड
सुनीता के पिता ईश्वर व माता जमुना का कहना है कि बेटी को विश्वस्तरीय चैंपियनशिप में भेजने के लिए उन्होंने एक लाख रुपये गांव से ही ब्याज पर लिए और ईनाम में जीती राशि से उन्होंने कर्ज उतारा। अब फरवरी में फिर से विश्वस्तरीय वेट लिफ्टिंग चैंपियनशिप के लिए 50 हजार रुपये ब्याज पर लेकर रजिस्ट्रेशन करवाया है। बेटी ओलंपिक में मेडल जीतकर सपना पूरा करना चाहती है।
सहयोग का मिला था आश्वासन
वेटलिफ्टर सुनीता ने बताया कि विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल आने के बाद कोच संदीप टीम सहित उन्हें सरकारी नौकरी व आर्थिक सहायता दिलवाने के लिए देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिले थे। राजनाथ सिंह ने इन्हें आश्वासन भी दिया था लेकिन लॉकडाउन लग गया। हरियाणा सरकार की तरफ से भी आज तक कोई सहयोग उन्हें नहीं मिल पाया है। विधायक बलराज कुंडु ने उन्हें हर संभव सहयोग देने की घोषणा की थी।
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