उत्तर प्रदेश की कानपुर पुलिस ने शहर के अलग- अलग इलाकों में रहने वाले 16 संदिग्ध रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की पहचान कर उन्हे पकड़ा है। पुलिस को पूछताछ के दौरान इन लोगों ने दावा किया है कि वो असम के बारपेटा जिले के निवासी हैं। जिसके बाद कानपुर पुलिस अब असम में पुलिस से संपर्क कर रही है ताकि संदिग्धों ने जो जानकारी दी है उसकी तस्दीक हो सके।
बता दें कि लखनऊ में अल-कायदा के दो आतंकवादियों की गिरफ्तारी के बाद शहर में रहने वाले रोहिंग्या और बांग्लादेशियों पर कानपुर पुलिस ने सर्च आउट अभियान चलाया है। लखनऊ में गिरफ्तार आतंकियों ने कानपुर में अपने कनेक्शन का खुलासा किया था।
पुलिस ने जांच के दौरान पनकी और कानपुर साउथ के अन्य इलाकों में रहने वाले संदिग्धों का पता लगाया है। दो दिन पहले ही कानपुर पुलिस के आयुक्त असीम कुमार अरुण ने स्थानीय पुलिस को शहर में रहने वाले विदेशी नागरिकों का सत्यापन अभियान शुरू करने का निर्देश दिया था ताकि राष्ट्र विरोधी तत्व यदि कोई हो, तो उसे खत्म किया जा सके।
पुलिस ने सत्यापन अभियान के दौरान नौबस्ता के मछरिया इलाके और आसपास के अन्य इलाकों में 16 संदिग्धों की पहचान की है। पुलिस के मुताबिक इस अभियान के दौरान संदिग्धों ने पुलिस को उनके आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज दिखाए जिनमें असम के बारपेटा जिले में उनके पते दर्ज हैं।
कानपुर पुलिस के मुताबिक दस्तावेजों के आधार पर असम पुलिस से संपर्क किया जा रहा है ताकि उनकी सच्चाई की जांच हो सके। पुलिस के मुताबिक अगर उनके दस्तावेज फ र्जी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी। इसी तरह चकेरी के जाजमऊ, सचेंडी, पनकी आदि क्षेत्रों में भी अभियान चलाया जा रहा है। वहीं पहले दो आंतकी व अब 16 रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को गिरफ्तार करने के बाद चर्चा है कि योगी सरकार पहले जहां बदमाशें के खिलाफ एक्शन में दिखाई दी थी वहीं अब आतंकियों व संदिग्धों पर लगाम कसी जा रही है।
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