सत्य खबर, कुरूक्षेत्र
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ का विरोध कर रहे किसानों और पुलिस के बीच धक्का मुक्की हो गई। वहीं पुलिस ने दर्जनों किसानों को हिरासत में भी लिया है। जबकि कुछ किसान दाएं-बाएं होते हुए खिसक गए। यह घटनाक्रम करीब डेढ़ घंटे तक चला।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ शुक्रवार को अंबेडकर भवन में शाहाबाद मंडल के कार्यकर्ताओं के दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे थे। उनके आने का समय दोपहर बाद दो बजे का था। इसका पता लगते ही किसान अंबेडकर भवन के मुख्य गेट पर पहुंच गए। किसानों ने गेट को घेरकर सरकार के विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी। वहीं भाजपा नेता प्रदेशाध्यक्ष को पिछले दरवाजे से अंदर लेकर गए। वे यहां कार्यकर्ताओं से रूबरू हुए। इससे पहले मीडिया से रूबरू होकर किसान आंदोलन को कांग्रेस का मुखोटा बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा की केंद्र व प्रदेश सरकार किसानों के हित में काम कर रही है।
सरकार किसानों के साथ कई बार बैठक कर चुकी है लेकिन किसान अपनी जिद्द पर अड़़े हुए हैं। सरकार के किसानों के साथ बातचीत के दरवाजे आगे भी खुले हैं। वे किसी भी समय सरकार से बातचीत कर सकते हैं। उनके साथ सांसद नायब सिंह सैनी, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव एवं पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी और भाजपा जिलाध्यक्ष राजकुमार सैनी मौजूद रहे।
वहीं किसानों का नेतृत्व भाकियू के प्रदेश प्रवक्ता राकेश बैंस और संजू गुंदियाना ने किया। किसानों ने धनखड़ गो बेक के नारे लगाए। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को बदनाम करने का काम कर रही है। संयुक्त किसान मोर्चा के फैसले के बाद भी भाजपा नेता कार्यक्रमों को बंद नहीं कर रहे हैं। पिछले दिनों सांसद नायब सिंह सैनी का शाहाबाद में विरोध किया गया था। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ विपक्ष में होने पर किसानों के लिए प्रदर्शन करते थे लेकिन आज सत्ता में आने के बाद किसानों के हित भूल गए हैं और सत्ता का स्वाद ले रहे हैं। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी की किसानों को हल्के में लेने के भूल ना करे।
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वहीं किसानों के अंबेडकर भवन पहुंचने की सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। एएसपी रविंद्र तोमर ने किसानों को समझाने का प्रयास किया पर किसान अपनी मांग पर अड़े रहे। किसान ने करीब तीन बजे अंबेडकर भवन के बाहर सडक़ पर बैठ गए। पुलिस ने किसानों को फिर से समझाने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने मुख्य गेट को खाली नहीं किया। इस दौरान पुलिस व किसानों के बीच धक्का मुक्की हो गई। पुलिस ने दर्जनों किसानों को हिरासत में ले लिया। जबकि काफी प्रदर्शनकारी किसान मौका देखकर पतली गली से निकल लिए।
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