क्राइम्‌हरियाणा

ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, गिरोह की एक युवती सहित पांच आरोपी गिरफ्तार

सत्य खबर, पानीपत ।

थाना साइबर क्राइम पुलिस टीम ने क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढाने के नाम पर ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफ ोड़् कर गिरोह की एक युवती सहित पांच आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में गिरोह का सरगना दिल्ली निवासी आरोपी सौरव व युवती सगे भाई बहन हंै। आरोपियों ने मुखिजा कॉलोनी निवासी राजसिंह के खाते से 19 लाख 78 हजार 140 रूपये निकाले थे। थाना साइबर क्राइम प्रभारी इंस्पेक्टर प्रवीन शर्मा ने बताया कि थाना साइबर क्राइम में मुखिजा कॉलोनी निवासी राजसिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था उसका एक्सिस बैंक में खाता है। 24 अप्रैल को उसके पास मोबाइल पर एक अज्ञात नबर से कॉल आई। कॉल रिसीव करने पर बात कर रही लडक़ी ने अपने आप को एक्सिस बैंक की कर्मचारी बताते हुए क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढाने के लिए कहा। कॉलर ने क्रेडिट कार्ड को लॉगइन करने के लिए उससे ओटीपी मांगा। उसने विश्वास करते हुए कॉलर को ओटीपी बता दिया। उसके खाते से तभी 17.80 लाख रूपये व क्रेडिट कार्ड से 1 लाख 98 हजार 140 रूपये निकल गए। राजसिंह की शिकायत पर थाना साइबर क्राइम में अभियोग दर्ज कर पुलिस टीम ने कार्रवाई अमल में लाते हुए ठगी के पैसे जिस खाते में ट्रांसफर किये थे उसको साइबर क्राइम हेल्प लाइन नंबर 1930 के माध्यम से फ्रिज करवा दिया था। खाते में 15 लाख रूपये बचे थे। इंस्पेक्टर प्रवीन शर्मा ने बताया कि थाना साइबर क्राइम पुलिस टीम ने पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत के मार्गदर्शन में विभिन्न पहलुओं पर जांच करते हुए गत मंगलवार को दिल्ली के चौखंडी से आरोपी सौरव गुप्ता निवासी डीडीए कॉलोनी चौखंडी को गिरफ्तार किया। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने अपनी बहन व पांच अन्य साथी आरोपियों के साथ मिलकर ऑनलाइन ठगी की उक्त वारदात को अंजाम देने बारे स्वीकारा। आरोपी सौरव को न्यायालय में पेश कर उसे 2 दिन के पुलिस रिमांड पर हासिल कर पुलिस ने शुक्रवार को आरोपी की निशानदेही पर उसके साथी आरोपी कमल निवासी मोहन गार्डन, रोनक व मंजीत उर्फ प्रिंस निवासी विष्णु गार्डन व युवती कोमल बदला हुआ नाम निवासी दिल्ली को दिल्ली से गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों से खुलासा हुआ गिरोह का सरगना आरोपी सौरव है।
फर्जी सिम व फर्जी खाते का प्रयोग
आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ आरोपी रोनक ने अपनी आईडी पर सिम कार्ड खरीदकर आरोपी मंजीत उर्फ प्रिंस को 1 हजार रूपये में बेचा था। आरोपी मंजीत ने सिम कार्ड आगे सौरव को 1500 रूपये में बेच दिया। आरोपी कमल ने छतीसगढ़ में एचडीएफसी बैंक का खाता उपलब्ध करवाया था। युवती आरोपी कोमल बदला हुआ नाम फर्जी बैंक कर्मी बनकर लोगों को फोन कर क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढाने के नाम पर झांसे में लेकर ओटीपी पूछती थी। ओटीपी मिलते ही आरोपी सौरव नेट बैंकिंग के माध्यम से फर्जी खाते में पैसे ट्रांसफर कर लेता था। आरोपी बाद में चैक व एटीएम के माध्यम से पैसे निकाल लेते थे। आरोपियों ने राज सिंह से ठगे 19 लाख 78 हजार 140 रूपये में से 2 लाख रूपये चैक से, 50 हजार एटीएम से तुरंत निकाल लिये थे और 50 हजार रूपये अन्य खाते में ट्रांसफर कर लिए थे।
इंस्पेक्टर प्रवीन शर्मा ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 4 मोबाइल व 14 सिम कार्ड व ठगी गई नगदी में से 35 हजार रूपये बरामद कर शुक्रवार को पांचों आरोपियों को न्यायायल में पेश किया। जहां से आरोपी कोमल बदला हुआ नाम रोनक, मंजीत उर्फ प्रिंस को न्यायिक हिरासत जेल भेजा गया व आरोपी सौरव व कमल को 3 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया किया। रिमांड के दौरान पुलिस आरोपियों से अन्य वारदातों बारे पूछताछ करने के साथ ही वारदात में शामिल गिरोह के अन्य आरोपियों के ठिकानों का पता लगा पकडऩे व ठगी गई नगदी बरामद करने का प्रयास करेंगी।

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