हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने पार्टी संगठन को मजबूत बनाने का अभियान तथा जनता में पार्टी की छवि अच्छी बनाने का अभियान शुरू कर दिया है। जिसके तहत फिलहाल वह किसानों के आंदोलन स्थलों पर पिछले कई दिनों से जाकर किसान आंदोलन को अपना समर्थन दे रहे हैं। इसी कड़ी में ओपी चौटाला रविवार को जींद के खटकड़ टोल प्लाजा पर पहुंचे। जहां किसानों ने उन्हें बोलने के लिए माइक तक नहीं दिया।
हालांकि किसानों की ओर से पहले ही ऐलान कर दिया गया था कि वो ओपी चौटाला को ना तो मंच साझा करने देंगे और ना ही उन्हें बोलने के लिए माइक देंगे। किसानों के मना करने के बाद भी ओपी चौटाला आज खटकड़ टोल प्लाजा पर पहुंचे। जहां किसानों ने उन्हें बोलने का मौका तक नहीं दिया। ओपी चौटाला माइक मांगते रह गए लेकिन किसानों ने उन्हें माइक नहीं दिया। ओपी चौटाला ने यहां तक कहा कि एक बार जनता से पूछ लो कि माइक देना है कि नहीं लेकिन इसके बाद भी किसान अपने फैसले पर अड़े रहे। यही नहीं एक वक्त तो ऐसा भी आया कि चौटाला ने कहा कि एक सेकेंड के लिए ही माइक दे दो लेकिन किसान फिर भी नहीं माने।
इसके बाद गुस्से में आकर ओपी चौटाला किसानों के धरने से बैंरग लौट गए। वहीं यहां पर आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान नेता सतबीर पहलवान ने आरोप लगाया कि जाते-जाते चौटाला गुस्से में उसके पांव पर डोगा भी मार गए। किसान नेता ने कहा कि आंदोलन के शुरू होने पर ही ये फैसला लिया गया था कि किसी भी राजनेता को मंच पर नहीं आने दिया जाएगा और ना ही किसी को माइक दिया जाएगा। अगर हम राजनेताओं को माइक देंगे तो हजारों राजनीति मेंढक़ यहां कूद जाएंगे और उनका आंदोलन फेल हो जाएगा।
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