पूरे देश में अपनी पार्टी एआईएमआईएम का विस्तार करने में लगे असदुद्दीन ओवैसी के लिए उत्तर प्रदेश चुनाव एक बड़ा मौका है। उत्तर प्रदेश में अगले साल फरवरी में चुनाव हैं। जानकारी के अनुसार ओवैसी 100 सीटों पर चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे हैं। ओवैसी ओमप्रकाश राजभर द्वारा बनाए गए मोर्चे का हिस्सा हैं। राजभर की अगुवाई में भागीदारी संकल्प मोर्चा में ओवैसी समेत कुल 9 छोटे-छोट दल हैं।
वहीं खबरें आ रही हैं की राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को बीजेपी अपनी और करने के प्रयास में है। राजभर पहले भी बीजेपी सरकार की हिस्सा रह चुके हैं। उन्हें कैबिनेट में शामलि किया गया था, लेकिन विरोध के बाद वो अलग हो गए। अगर बात राजभर और ओवैसी की पार्टियों की बात की जाए तो ये दोनों ओबीसी, दलितों और अल्पसंख्यकों में अच्छी पकड़ रखते हैं।
वहीं टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार एआईएमआईएम के यूपी प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने बताया कि हमने सभी 75 जिलों में संगठन खड़ा कर लिया है और अध्यक्ष भी नियुक्त कर दिए हैं। पार्टी कड़ी मेहनत कर रही है और हम 100 सीटों पर चुनाव लडऩे के लिए तैयार हैं, लेकिन इस पर अंतिम फैसला पार्टी अध्यक्ष ओवैसी का होगा।
यूपी में ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का रिकॉर्ड बिल्कुल खराब रहा है। साल 2017 विधासभा चुनावों में एआईएमआईएम ने 36 सीटों पर चुनाव लड़ा था। लेकिन एक भी सीट नहीं जीत पाई। वहीं इस बार जिला पंचायत चुनाव में एआईएमआईएम को 24 सीटें हासिल हुई हैं। अगर ये छोटे छोट दल एक साथ चुनाव लड़ते हैं तो इन्हें फायदा होगा। मगर अलग लड़े तो इससे वोट बटेंगा और इसका सीधा फायदा बीजेपी को होगा।
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