सत्यखबर
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा राज्य में अपने शासनकाल में बनाए गए कांट्रैक्ट फार्मिंग स्कीम को लेकर निशाने पर आ गए। विरोधियों ने हुड्डा पर हमले किए तो हरियाणा से विपक्ष (कांंग्रेस) के एकमात्र राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने पिता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बचाव मे सामने आए हैं। इसके साथ ही दीपेंद्र ने किसान हित के कानूनों को लेकर सरकार की घेराबंदी की है।
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किसानों के मुद्दे पर दो दिन पहले ही राज्यसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और दीपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच तीखी बहस हो चुकी है। नरेंद्र सिंह तोमर का आरोप था कि हरियाणा के अलावा कहीं किसान आंदोलन नहीं है और उनके पिता पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार की कांट्रेक्ट फार्मिंग की स्कीम लेकर आई थी। इसके जवाब में दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि एमएसपी से नीचे फसल खरीदने की स्थिति में सजा का प्रावधान भी हुड्डा सरकार ने ही किया था।
दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हम कृषि कानूनों को किसानों के नजरिये से पढ़ रहे हैं और सरकार बड़े पूंजीपतियों के नजरिये से देख रही है। इसलिए सरकार को उनमें कोई कमी नजर नहीं आती। दीपेंद्र ने कहा कि हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली सरकार ने एपीएमसी एक्ट में प्रावधान किया था कि अगर कोई प्राइवेट कंपनी एमएसपी से नीचे फसल खरीद करती है तो उस पर कानूनी कार्रवाई और सजा होगी। केंद्र सरकार भी अपने कानून में एमएसपी से नीचे खरीद पर कानूनी कार्रवाई और सजा का प्रावधान करे।
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