सत्य खबर, अंबाला, राजकुमार शर्मा
किसानों के खाते में सीधी फसल की राशि डालने से भड़के आढ़तियों ने जिले भर की मंडियों में ना तो खरीद की और ना ही गेहूं की भराई। दूसरी तरफ आढ़तियों के इस रुख पर प्रशासन ने भी अपनी तैयारी कर ली है।
इसके लिए डिपो होल्डर को मंडियों में खरीद के लिए अस्थाई लाइसेंस बनाने शुरू कर दिए हैं और अगर आढ़तियों की हड़ताल लंबी चलती है तो डिपो होल्डर के माध्यम से सरकार गेहूं की खरीद करेगी।अनाज मंडी में मार्केट कमेटी के माध्यम से जिला भर के डेढ़ सौ डिपो होल्डर के स्थाई लाइसेंस बना दिए गए हैं ऐसे में ये मामला और भड़क सकता है।वहीं अंबाला के आढ़तियों का कहना है कि पैमेंट का मामला किसानों पर छोड़ देना चाहिए।
दूसरी और डिपो होल्डर का कहना है कि सरकार उन्हें बलि का बकरा बना रही है ना तो उन्हें इस काम का कोई ज्ञान है और ना ही ये काम उन्हें कभी किया है…इस लिए वो इश काम को करके खुश नहीं हैं। वहीं अनाज मंडी के सेक्रेटरी का कहना है कि आढ़तियों ने हड़ताल की हुई है और किसानों को परेशानी ना हो इसीलिए उन्होंने डिपो होल्डर के स्थाई लाइसेंस बना दिए हैं जिससे वो अनाज मंडी में खरीद कर सकें।
इस मामले को लेकर जब किसानों से बात की गई तो उनका कहना है कि वो अपनी फसल आढ़तियों को देकर खुश हैं क्योंकि आढ़ती उनके एटीएम है उन्हों जब भी पैसे की जरूरत होती है तो वो आढ़तियों से लेते हैं घर में कोई भी दुख सुख हो उस वक्त उनके काम यहीं लोग आते हैं।
गौरतलब है कि मंडियों में फसल की खरीद में आढ़तियों की भूमिका अहम है आढ़ती ही किसानों की फसलों को खरीद कर भेजते हैं इसके लिए आढ़तियों को ढाई परसेंट आढ़त भी मिलती है पहले किसानों को पोर्टल पर दो ऑप्शन दिए जाते थे कि वो अपनी फसल की पेमेंट सीधे अपने खाते में चाहते हैं या फिर आढ़तियों के माध्यम से।ऐसे में किसानों के पास विकल्प रहते हैं पर अब सरकार ने पोर्टल पर ये ऑप्शन ही खत्म कर दिया है जिससे फसल की पेमेंट सीधा किसानों के खाते में डालने शुरू कर दी है इसी कारण से आढ़ती सरकार के इस कदम से भड़के हुए हैं।
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