सत्यखबर, बहादुरगढ़
देश की राजधानी दिल्ली की बंद सीमाओं को खुलवाने के लिए बनाई गई हाई पावर कमेटी ने आज टिकरी बॉर्डर के किसानों से बातचीत की। बहादुरगढ़ के गोरिया टूरिज्म कॉन्प्लेक्स में हुई इस बैठक में बहादुरगढ़ के उद्योगपतियों को भी शामिल किया गया था। बैठक के बाद गृह सचिव एवं एसीएस राजीव अरोड़ा ने बताया कि राजधानी दिल्ली की बंद सीमाओं को खुलवाने की दिशा में सौहार्दपूर्ण माहौल बना है। उन्होंने स्वयं टिकरी बॉर्डर की बंद सीमाओं का अधिकारियों के साथ जायजा लिया। किसान और उद्योगपतियों ने भी हाई पावर कमेटी को दिखाया कि किस तरीके से दिल्ली पुलिस ने सीमाओं पर कई लेयर की बैरिकेडिंग की है। लोहे के बैरिकेड के साथ साथ बड़े.बड़े कंक्रीट के पत्थर सीमाओं को बंद करने के लिए लगाए गए हैं।
वहीं किसानों का कहना है कि उन्हें बैठक से पहले बैठक का एजेंडा नहीं बताया गया था। अब उनके सामने हाई पावर कमेटी ने रास्ते खोलने की दिशा में बातचीत की है। उन्हें इससे कोई एतराज नहीं है। वे अब संयुक्त मोर्चा को हाई पावर कमेटी के साथ हुई बातचीत के बारे में अवगत करवाएंगे। इतना ही नहीं एसीएस राजीव अरोड़ा का भी मानना है कि किसानों ने कोई रास्ता बंद नहीं कर रखा। राजधानी दिल्ली की सीमाएं दिल्ली पुलिस ने बंद कर रखी हैं। दिल्ली पुलिस से भी इस संबंध में बातचीत आगे बढ़ाई जाएगी। लेकिन यह पहले सुनिश्चित करना जरूरी था की सीमाएं खुलने से किसानों को तो किसी प्रकार की आपत्ति नहीं है। वहीं बातचीत सकारात्मक हुई है। इससे अभी उम्मीद बनी हुई है कि आगे आने वाले समय में यह सीमाएं खुल सकती हैं।
कम से कम नेशनल हाईवे की एक तरफ की लेन खुलने से अगर आवागमन शुरू होता है तो बहादुरगढ़ के उद्योगपतियों के साथ-साथ देश की राजधानी दिल्ली से हरियाणा में आवागमन करने वाले लोगों को भी काफी सहूलियत मिलेगी। वही इस संबंध में उद्योगपतियों से भी बातचीत की गई तो उद्योगपतियों का कहना है कि वे किसानों के साथ हैं और किसानों ने भी उन्हें हर तरीके की सहायता का आश्वासन दिया है। जिससे लगता है कि रास्ते खुलेंगे और कोरोना के साथ-साथ किसान आंदोलन की मार झेल रहे उद्योगों की परेशानी थोड़ी कम होगी। बहादुरगढ़ के उद्योगपतियों ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। जिसमें दिल्ली पुलिस को रास्ते बंद होने का जिम्मेवार बताया गया है। जिसकी अगली तारीख 15 नवंबर को है। इस मामले की सुनवाई से पहले इस तरीके का माहौल बनने पर उद्योगपतियों में भी खुशी है।
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बता दें कि पिछले 11 महीने से देश की राजधानी दिल्ली की सीमाएं किसान आंदोलन की वजह से बंद हैं। यह सच है कि किसानों ने कोई रास्ता बंद नहीं कर रखा। मगर सच यह भी है कि किसान आंदोलन की वजह से ही दिल्ली पुलिस ने रास्ते बंद कर रखे हैं। बंद रास्तों की वजह से न सिर्फ देश की राजधानी दिल्ली से हरियाणा आवागमन करने वाले लोगों को परेशानी हो रही है। बल्कि इसकी वजह से बहादुरगढ़ की औद्योगिक इकाइयों को भी करीब 28000 करोड़ रुपए का नुकसान अब तक हो चुका है।
वहीं हरियाणा सरकार द्वारा गठित हाई पावर कमेटी इस बैठक में किसानों और उद्योगपतियों के बीच में भी आपस में बातचीत हुई। जिसके बाद रास्ते खोलने को लेकर सकारात्मक माहौल बना है। ऐसे में उम्मीद जताई जा सकती है कि जल्द ही रास्ते खुलेंगे और 11 महीने से परेशान आम लोगों की परेशानी थोड़ी कम होगी। लेकिन किसान आंदोलन कैसे और कब तक जारी रहेगा यह कोई नहीं जानता।
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