सत्य खबर, सोनीपत
कृषि कानून के विरोध में चल रहे किसानों के आंदोलन में राजनीतिक घुसपैठ को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने सख्त रुख अपनाया है। किसान नेताओं ने भारतीय किसान यूनियन के (चढ़ूनी) प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी पर राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए उन्हें मोर्चा से हटाने की मांग की है। इस पर संज्ञान लेते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
https://sat.magzian.com/husband-and-wife-win/
संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य डॉ. दर्शनपाल ने कहा कि एक दिन पूर्व हुई बैठक में मोर्चा के सदस्यों ने आंदोलन में राजनीतिक लोगों के प्रवेश पर एतराज जताया था। सदस्यों का कहना था कि गुरनाम सिंह चढ़ूनी के कैंप में राजनीतिक पार्टियों के लोगों का आना-जाना होता है और उन्होंने मोर्चा से अनुमति लिए बगैर 22 व 23 जनवरी को किसान संसद बुलाई है, जिसमें राजनीतिक दलों के लोगों को आमंत्रित किया गया है।
बता दें कि भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि वे कोई राजनीति नहीं कर रहे हैं। वे पूरी तरह से किसानों के साथ हैं। यदि आंदोलन के दौरान कोई उनसे मिलने आता है तो वे किसी काे भगा नहीं सकते।
किसान अपनी मांगों को लेकर बीते 54 दिनों से आंदोलन पर बैठे हुए हैं। सरकार से अब तक इनकी 9 दौर की वार्ता हो चुकी है मगर मामले का कोई हल नहीं निकला है। किसान अपनी मांग पर अड़े हुए हैं कि सरकार को कृषि कानून को वापस लेना होगा। उधर सरकार नए कृषि कानून को किसानों के हित का बता रही है। दिल्ली की सीमा सिंघु बॉर्डर और यूपी गेट पर हजारों की संख्या में किसान अपने परिवार के साथ धरने पर बैठे हुए हैं, अब तक 18 किसानों की मौत भी हो चुकी है।
Aluminium scrap dismantling Aluminium scrap traceable sourcing Metal recovery and reclamation yard