सत्यखबर, चढ़ीगढ़
बता दे की केंद्र सरकार के तीन जून को जारी तीन कृषि अध्यादेशों का बेशक पंजाब सहित कई राज्यों में विरोध हो रहा है, मगर हरियाणा में किसानों से लेकर व्यापारियों तक के लिए ये अध्यादेश आमदनी से लेकर विकास की राह खोल रहे हैं। मोदी सरकार द्वारा पारित कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य संवर्धन सरलीकरण अध्यादेश 2020 में अब किसान अनाज व सब्जी मंडियों से बाहर बिना किसी मार्केट फीस के अपने द्वारा तय राशि पर बेच सकता है।इसी तरह दूसरे किसान सशक्तिकरण तथा संरक्षण मूल्य आश्वासन व कृषि सेवा अध्यादेश 2020 के तहत किसान अपनी उपज का भंडारण कर सकता है। इसके लिए उसे भंडारण संबंधी किसी लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी। इसके अलावा आवश्यक वस्तु संशोधन अधिनियम 2020 में अब राष्ट्रीय आपदाओं, अकाल, युद्ध की स्थिति को छोड़कर किसी भी वस्तु के भंडारण के लिए उसकी मात्रा तय नहीं होगी। बेशक तीनों अध्यादेशों से प्रत्यक्ष रूप से किसानों को फायदा हो रहा है. मगर हरियाणा सरकार इन अध्यादेशों के क्रियान्वयन क्रम में व्यापारियों को भी सीधा फायदा देने की योजना तैयार कर ली है।
देशभर में इन अध्यादेशों के लागू होने से व्यापारियों में यह शंका पैदा हो गई है कि अब उनका धंधा चौपट हो जाएगा। व्यापारी यह भी कह रहे हैं कि जब किसान मंडी के बाहर अपनी फसल बेच सकेगा तो मंडियों की जरूरत क्या रह जाएगी। व्यापारियों के इस तर्क को लेकर हरियाणा सरकार सब्जी और अनाज मंडियों में अन्य व्यापारिक गतिविधियों की अनुमति भी दे सकती है। इसके साथ ही व्यापारियों को अभी मंडियों में दुकानों के आगे फड (दुकानों के आगे सब्जी व अनाज रखने की खाली जगह) खाली छोड़ने थे, मगर अब इस जगह पर भी निर्माण हो सकेगा। इसके लिए फ्लोर एरिया रेशो (एफएआर) में बढ़ोतरी की जाएगी। इसके पीछे सरकार यह भी तर्क दे रही है कि व्यापारियों से भी आवश्यक सेवा वस्तु अधिनियम के तहत भंडारण पर तय सीमा हटा ली गई है तो फिर उन्हें भी ज्यादा जगह की जरूरत होगी।
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