सत्य खबर
कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच देश के कई हिस्सो में ऑक्सीजन की कमी की शिकायतें सामने आ रही हैं। इस बीच केंद्र सरकार पर विपक्षी नेताओं ने मीडिया रिपोर्ट के हवाले से आरोप लगाया कि कोरोना काल में भी सरकार ने ऑक्सीजन निर्यात बढ़ा दिया।
अब केंद्र सरकार ने इन आरोपों पर सफाई दी है कि भारत के मेडिकल ऑक्सीजन की वार्षिक उत्पादन क्षमता का 0.4 फीसदी से भी कम निर्यात किया जाता है. कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने मीडिया रिपोर्ट के हवाले से आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने अप्रैल 2020-जनवरी 2021 के बीच 9,294 मीट्रिक टन ऑक्सीजन विदेश निर्यात कर दी।अब 16 अप्रैल, 2021 को सरकार कह रही है कि वो 50,000 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आयात करेगी। उन्होंने कहा कि ये 50,000 मीट्रिक टन ऑक्सीजन कब आएगी और कब मिलेगी, इसका कुछ पता नहीं है।
वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों का जिम्मेदार कौन है? केंद्र सरकार के सूत्रों ने इन आरोपों को लेकर जवाब दिया, “द्वेषपूर्ण प्रोपेगैंडा फैलाया जा रहा है कि भारत ने 2020-21 में काफी मेडिकल ऑक्सीजन का निर्यात किया। यह पूरी तरह गलत है। इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन निर्यात को गलत तरीके से मेडिकल ऑक्सीजन कहा जा रहा है।”
सूत्रों ने बताया कि इनमें से ज्यादातर इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन का निर्यात दिसंबर 2020 और जनवरी 2021 में किया गया, जब मेडिकल ऑक्सीजन की खपत सितंबर में 2675 मीट्रिक टन प्रतिदिन से कम होकर 1418 मीट्रिक टन हो गई थी। सरकार के सूत्रों के मुताबिक, “लिक्विड ऑक्सीजन के निर्यात की दो कैटगरी है- एक मेडिकल और दूसरा इंडस्ट्रियल। अप्रैल 20- फरवरी 21 के दौरान भारत ने 9,884 मीट्रिक टन इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन और सिर्फ 12 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन का निर्यात किया। वार्षिक निर्यात भारत के कुल उत्पादन क्षमता का 0.4 फीसदी से भी कम है।
” उन्होंने बताया कि देश की उत्पादन क्षमता प्रतिदिन 7000 मीट्रिक टन है और मेडिकल ऑक्सीजन सप्लाई को कोई खतरा नहीं है। इससे पहले आज प्रियंका गांधी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि देशभर से रिपोर्ट आ रही हैं कि बेड, ऑक्सीजन, रेमडेसिविर, वेंटिलेटर की कमी है. कोराना संक्रमण की पहली लहर और दूसरी लहर के बीच हमारे पास तैयारी करने के कई महीने थे।
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उन्होंने कहा, “भारत की ऑक्सीजन प्रोडक्शन कैपेसिटी दुनिया में सबसे बड़ी है, ऑक्सीजन को ट्रांसपोर्ट करने की सुविधा नहीं बनाई गई। कितनी बड़ी त्रासदी है कि देश में ऑक्सीजन उपलब्ध है लेकिन जहां पहुंचना चाहिए वहां पहुंच नहीं पा रहा है।
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