सत्यखबर
करीब एक माह पहले कोहंड व आसपास के पोल्ट्री फार्मों से लिए गए सैंपलों की रिपोर्ट अब तक नहीं आई है। जिसको लेकर सवाल उठने लगे हैं। पोल्ट्री संचालकों ने तो रिपोर्ट दबाने तक का आरोप लगा दिया है। कैलाश पोल्ट्री फार्म संचालक विकास सिंगला ने कहा कि ऐसी कौन सी लैब है जहां एक माह में भी सैंपलों की रिपोर्ट नहीं आई है। फार्म से अधिकतर मुर्गियां मर चुकी हैं, लेकिन सरकार बर्ड फ्लू की पुष्टि तक नहीं कर रही है। क्या यह जान-बूझकर किया जा रहा है। इस संबंध में डीसी से भी मिलने का प्रयास किया गया, लेकिन कहीं से भी कोई रास्ता नहीं मिल पा रहा है। बर्ड फ्लू के बिना इतनी बड़ी संख्या में मुर्गियों का मरना संभव नहीं है।
रिपोर्ट में देरी, बांट ना दें संक्रमण
भले ही पशुपालन विभाग की टीम ने कोहंड क्षेत्र के पोल्ट्री फार्मों का निरीक्षण कर क्षेत्र को अलर्ट जोन घोषित कर दिया हो, लेकिन पोल्ट्री फार्म में लगातार हो रही मुर्गियों की मौत को देखते हुए संचालकों की चिंता बढ़ी तो उन्होंने मुर्गियों को निकालना भी शुरू कर दिया। ऐसे में सवाल यह उठता है कि यदि रिपोर्ट पॉजिटिव मिल जाती है तो बर्ड फ्लू संक्रमण फैलने की जिम्मेदारी किसकी होगी। पोल्ट्री संचालक पहले ही रिपोर्ट में देरी का आरोप लगा चुके हैं।
कैलाश पोल्ट्री फार्म के मालिक विकास सिंगला ने बताया कि उनके फार्म में 80 हजार मुर्गियां रखी थीं। दो जनवरी से मुर्गियों की अचानक मौत होने लगी और धीरे-धीरे प्रतिदिन मौत का आंकड़ा बढ़ता गया। विकास ने कहा कि उनके फार्म के कई शेड खाली हो चुके हैं और अब तक करीब 75 हजार से ज्यादा मुर्गियां मर चुकी हैं। यदि बर्ड फ्लू नहीं है तो सरकार रिपोर्ट को ओपन क्यों नहीं कर रही है।
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