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कौन हैं राफेल उड़ाने वाले वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया

सत्यखबर दिल्ली (ब्यूरो रिपोर्ट) – गरुड़ युद्धाभ्यास में भाग लेने के लिए फ्रांस पहुंचे भारतीय वायुसेना के वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने गुरुवार को राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरी। इस दौरान उन्होंने इस बेहतरीन लड़ाकू विमान के तकनीकी पक्ष को भी अच्छे से जांचा। राकेश कुमार सिंह भदौरिया 36 राफेल विमानों की खरीद के लिए गठित निगोसिएशन टीम का हिस्सा भी थे।

आपको बता दें कि राकेश कुमार सिंह भदौरिया भारतीय वायुसेना के सबसे बेहतरीन पायलटों में से एक हैं। इन्होंने अब तक 27 से ज्यादा प्रकार के लड़ाकू और परिवहन विमानों को उड़ाया है, जिसमें अब राफेल भी शामिल हो गया है।

एयर मार्शल भदौरिया प्रायोगिक टेस्ट पायलट होने के साथ कैट ‘ए’ कैटेगरी के क्वालिफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और पायलट अटैक इंस्ट्रक्टर भी हैं।

इनकी कुशल परिचालन क्षमता के कारण इन्हें साल 2002 में वायु सेना पदक, साल 2013 में अति विशिष्ट सेवा पदक और साल 2018 में परम विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया।

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राकेश कुमार सिंह भदौरिया भारतीय वायुसेना के जगुआर स्क्वाड्रन और दक्षिणी पश्चिमी सीमा पर स्थित एक प्रमुख वायुसेना स्टेशन के प्रमुख भी रह चुके हैं।

एयर मार्शल भदौरिया विमान और सिस्टम परीक्षण प्रतिष्ठान में उड़ान परीक्षण स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर भी रह चुके हैं। इसी संस्थान ने भारत के पहले स्वदेशी लड़ाकू विमान एलसीए तेजस की प्राथमिक उड़ानों को आयोजित किया था।

भदौरिया मास्को स्थित भारतीय दूतावास में एयर अटैशे, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के कमांडेंट के अलावा वायुसेना मुख्यालय के डिप्टी चीफ ऑफ एयर स्टाफ भी रह चुके हैं।

उड़ान के बाद उन्होंने कहा कि लड़ाकू विमान राफेल देश की सेना के लिए बेहद अहम साबित होगा। इस विमान के वायुसेना में शामिल होते ही राफेल और सुखोई की जोड़ी दुश्मन का तनाव बढ़ाने का काम करेगी।

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एयर मार्शल भदौरिया ने कहा, ‘राफेल में उड़ान भरना काफी सुखद अनुभव था। यहां से हमें काफी कुछ सीखने को मिला है कि कैसे वायुसेना के बेड़े में शामिल होने के बाद हम राफेल का बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा हम देखेंगे कि हमारे बेड़े के अहम हिस्से सुखोई-30 के साथ इसकी क्या उपयोगिता होगी।’

उन्होंने कहा कि एक बार ये दोनों फाइटर जेट एक साथ ऑपरेट करना शुरू कर दें, उसके बाद पाकिस्तान 27 फरवरी जैसी हरकत दोबारा नहीं कर पाएगा। ये दोनों विमान मिलकर पाकिस्तान का काफी नुकसान करने में सक्षम हैं।

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