सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
बीती शाम गांव दनौदा खुर्द में एक 17 साल के युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में करंट लगने से मौत हो गई। परिजन उसको करंट लगने के बाद गांव के एक डॉक्टर के पास ले गये, जिसके बाद उसको नागरिक अस्पताल में ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसको मृत घोषित कर दिया। वहीं परिजनों ने डॉक्टर द्वारा समय पर युवक के इलाज में बरती गई लापरवाही का इल्जाम लगाते हुए अस्पताल में जमकर तोडफ़ोड़ की। जिसके बाद पुलिस को अस्पताल में तोडफ़ोड़ करने की सूचना दी गई। पुलिस सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची और मृत युवकों के परिजनों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन परिजन डॉक्टर द्वारा बरती गई लापरवाही से होने की मौत को लेकर कारवाई की मांग पर अड़े रहे। वहीं मिली जानकारी के अनुसार गांव दनौदा खुर्द वासी सुमित ने पुलिस को बताया कि वह तथा उसका चाचा का लड़का साढ़े 17 वर्षीय कर्णदीप शाम को गली में दीवार के सहारे खड़े थे, तो अचानक कर्णदीप ने हाथ ऊपर उठाया, तो उसका हाथ ऊपर जाती नंगी तार को छू गया। जिससे उसको जोरदार करंट लग गय। जिसके बाद वह जमीन पर नीचे गिर पड़ा। उसको आनन-फानन में नागरिक अस्पताल में ले जाया गया, तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिजनों ने नागरिक अस्पताल में तोडफ़ोड़ कर फोड़े शीशे
गांव दनौदा खुर्द के युवक कर्णदीप को करंट लगने के बाद जब नागरिक अस्पताल लाया गया, तो परिजनों का आरोप था कि रात के समय ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर लगभग आधे-पौने घंटे तक नहीं आया। लेकिन जब आया, तो उसके बारे में कोई संतोषजनक जवाब न देते हुए बाहर की ओर निकल गया। परिजनों ने कहा कि डॉॅक् टर की लापरवाही के कारण कर्णदीप की मौत हो गई। युवक की मौत होने के बाद परिजनों का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया और उन्होंने इमरजेंसी वार्ड के शीशों को तोड़ डाला। इतना ही उन्होंने ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स और सिक्योरिटी गार्ड के साथ भी मारपीट की। परिजनों ने इमरजेंसी के शीशे तोडऩे के बाद एसएमओ के कार्यालय और अन्य कैबिनों के शीशे भी तोड़ दिये। परिजनों में इस बात का गुस्सा था कि डॉक्टर ने समय पर इलाज नहीं किया।
सरकारी काम में बाधा डालने का किया मामला दर्ज
मेडिकल ऑफिसर डॉ. सन्नी ने पुलिस को दी शिकायत मेें बताया कि वे रात्रि को आपातकालीन ड्यूटी पर थे। उस टाइम गंाव मंगलपुर से आए मरीज की एमएलआर तैयार कर रहा था, तो उस समय करीब 8.40 बजे कुछ व्यक्ति एक युवक के शव को लेकर आये। उन्होंनें उसी समय एमएलआर के काम को छोड़कर डेड बॉडी का डॉक्टरी मुआयना किया, जिसकी पहले ही मृत्यु हो चुकी थी। उस समय उनके साथ स्टाफ नर्स सुरेश, सुनीता मौके पर उपस्थित थे। इसके बाद इसीजी टेक्निशियन मुकेश भी आ गयी। डेड बॉडी के साथ 40-50 आदमी व औरतेें अंदर आ गये और उनके साथ तथा सुनीता, सुरेश, मुकेश व कश्मीर सिंह के साथ हाथापाई, मारपीट व थप्पड़-मुक्के मारे तथा गाली-गलौच भी की। इसके बाद नागरिक अस्पताल के काफी कमरों के शीशे तोड़ दिये व उपकरणों की भी तोडफ़ोड़ की। उन्होंने बताया कि शव के साथ आये काफी व्यक्तियों ने शराब भी पी रखी थी और उनको तथा स्टाफ के व्यक्तियों को जान से मारने की धमकी देने लगे। उन्होंने अस्पताल के दूसरों कमरेां में घुसकर अपनी जान बचाई। पुलिस ने डॉक्टर की शिकायत पर सरकारी काम में बाधा डालने, जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज कर कारवाई शुरू कर दी।
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नागरिक अस्पताल में डॉक्टर व स्टाफ के साथ मारपीट करने की घटना सामने आई है। अस्पताल परिसर में चौकी स्थापित की जाये, ताकि रात के समय ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के साथ अनहोनी न हो सके। अस्पताल में काफी तोडफ़ोड़ कर शीशे तोड़े गये हैं।
डॉ. देवेंद्र बिंदलिश, एसएमओ
नागरिक अस्पताल, नरवाना।
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