हरियाणा

गांव मिताथल में 32 एकड़ में गेहूं की फसल जलकर राख

फायर बिग्रेड व ग्रामीणों ने अढ़ाई घंटे में पाया आग पर काबू

सत्यखबर भिवानी (अमन शर्मा) – हल्के बवानी खेड़ा के गांव मिताथल में 32 एकड़ में गेहूं की पककर तैयार खड़ी फसल शॉर्ट सर्किट के चलते आग लगने से जलकर राख हो गई। सुबह 10 बजे के लगभग जब तेज हवा चल रही थी। तो इस दौरान गांव मिताथल के खेतों से गुजरने वाले बिजली विभाग के तारों मे आपस में भिडऩे से शॉर्ट-सर्किट हुआ तथा गेहूं की तैयार फसल ने आग पकड़ ली।

आपको बता दे कि मौके पर काम कर रहे किसानों ने जब धुआं उठता देखा तो वे आग लगी फसल की तरफ दौड़ पड़े तथा उसे पेड़ों की डालियों से बुझाने लगे। इसी दौरान गांव के अन्य लोगों व फायर बिग्रेड को सूचना दी गई। जब तक फायर बिग्रेड व ग्रामीण पहुंचे, तब तक 32 एकड़ में गेहूं की खड़ी 8 किसानों की फसल जलकर राख हो गई थी। गनीमत रही कि सूचना के एक घंटे के दौरान फायर बिग्रेड व ग्रामीणों के हुजूम ने खेतों में पहुंचकर आग को फैलने से रोक दिया, नहीं तो सैंकड़ों एकड़ फसल जलकर बर्बाद हो जाती।

किसान सुनहरी देवी, दयानंद, मनफूल ने बताया कि उनके पिछले 6 माह की मेहनत आज राख में मिल गई। उन्होंने उधार में पैसे लेकर बीज, खाद की व्यवस्था की थी। अब उसका कर्ज भी उनके सिर चढ़ गया है। किसान मनफूल ने बेटे की शादी की बात कहते हुए फसल के जलने की बात कही। वही किसान दयानंद ने फसल जलने से खुद के बर्बाद होने की बात कही। गांव के भीषमसिंह सरपंच ने किसानों ने प्रदेश सरकार से प्रति एकड़ 50 हजार रूपये मुआवजा देने की मांग करते हुए कहा कि यदि सरकार उनकी मदद नहीं करती है। गांव के किसानो के लिए भविष्य में कृषि कार्य करना कठिन हो जाएगा।

भिवानी के एसडीएम सतीश कुमार से जब किसानों के आग से जली फसल के मुआवजे के बारे में बात की गईतो उन्होंने कहा कि किसानों की फसल जलने का उन्हे दुख है। लेकिन जिन किसानों ने फसल बीमा योजना के तहत बीमा करवाया हुआ है, उनको जरूर राहत प्रदान की जाएगी। जांच के बाद यदि बिजली विभाग की भूमिका पाई जाती है तो उनसे भी रिक्वरी की जाएगी। गौरतलब है कि अकेले भिवानी जिले में फसलों में आग लगने की यह 12वीं घटना है। जिसमें एक ही क्षेत्र में 32 एकड़ फसल जलकर राख हो गई।

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