सत्य खबर सफीदों, महाबीर मित्तल: उपमंडल के गांव रत्ताखेड़ा से बुधवार को सिंधू बार्डर के लिए ट्रैक्टर कांवड यात्रा रवाना हुई। इस मौके पर गांव व क्षेत्रभर से आए किसानों ने यात्रा में जाने वाले लोगों को फूलों की मालाएं पहनाकर अभिनंदन किया। इस कांवड़ यात्रा में किसान कांवड़ लेकर पैदल रवाना हुए और उनके साथ टै्रक्टर-ट्राली भी शामिल रही। किसान अपने हाथों में तिरंगा लिए हुए थे। इस यात्रा के दौरान किसान आंदोलन व देशभक्ति से संबंधित गीत बजाए जा रहे थे। इस मौके पर किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। गौरतलब है कि इस बार कोरोना महामारी के कारण कांवड़ यात्रा रद्द कर दी गई है, लेकिन किसान आंदोलन जारी है। इसलिए सावन के महीने में युवाओं ने किसान आंदोलन में किसान-कांवड लेकर जाने का फैसला किया है।
किसानों का कहना था कि यह आंदोलन सरकार के लिए चेतावनी है कि किसान अपने ऊपर होने वाले अन्याय को कभी भी बर्दाश्त नहीं करेंगे। किसानों का कहना था कि सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि कानून पूरी तरह से किसान व मजदूर विरोधी है तथा ये तीनों कानून बड़े-बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने का एक षडय़ंत्र है। सरकार ने कारपोरेट के हितों के लिए लोकतांत्रिक तरीके से कृषि कानूनों को पास किया है। जब तक केंद्र सरकार तीनों काले कृषि कानून वापिस नहीं लेती, तब तक किसानों की यह लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने सरकार से मांग की कि सरकार ने इन तीनों कानूनों को तत्काल वापिस ले।
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