सत्य खबर, चंडीगढ़
कोरोना कहर के बीच जहाँ एक तरफ़ कोरोना संक्रमण के आकड़ें कम हो रही है तो वहीं दूसरी ओर मौतों की संख्या बढ़ती ही जा रही है| मौतों की संख्या इतनी बढ़ने से शवों का अंतिम संस्कार के लिए शमशान घाट में जगह नहीं मिल रही है तो वहीं लकड़ियों की भी कमी देखने को मिल रही है| ऐसा ही एक मामला चंडीगढ़ से आया है जहाँ शमशान घाट में शवों को जलाने के लिए पहले अपॉइंटमेंट लेनी पड़ रही है| क्या कभी किसने सोचा था ऐसा भी समय आएगा जब श्मशान घाट में अंतिम संस्कार करने के लिए भी पहले अपोइंटमेंट लेनी होगी। आजकल सबसे ज्यादा अपोइंटमेंट कहीं ली जा रही हैं तो वह श्मशान घाट है। मौत का यह मंजर ऐसा है कि श्मशान घाट में संस्कार के लिए भी आधे-आधे घंटे की स्लॉट बनाकर अपोइंटमेंट दी जा रही हैं।
बता दें कि स्लॉट के हिसाब से ही शव को श्मशान घाट लाया जा रहा है, जो अपने स्लॉट में नहीं पहुंचता उसको संस्कार के लिए ओर इंतजार करना पड़ता है। चंडीगढ़ में रोजाना 50 से 55 कुल मौत हो रही हैं, जिसमें कोरोना से होने वाली आधिकारिक मौत का आंकड़ा कम है। वहीं मनीमाजरा श्मशान घाट के बाहर लोग बड़ी संख्या में एकजुट हो रहे हैं। जहां चिताएं जलती हैं वहां का मंजर तो और भी डरावना है। हैरानी की बात तो यह है कि महामारी से श्मशान भरे पड़े हैं इससे सबक लेने के बजाए बिना मास्क ही लोग वहां पहुंच रहे हैं। जहाँ सरकार ने अंतिम संस्कार करने के लिए सिर्फ 10 लोगों को मंजूरी दी है वहीं शमशान घाट के बहार भारी संख्या में लोग शामिल हो रहें है।
यह भी पढ़े:- हिसार कांड और पानीपत अस्पताल उद्धघाटन की ये 2 तस्वीरे मचा रही बवाल, मुख्यमंत्री हो रहे ट्रोल
कोरोना से अंतिम संस्कार के लिए सेक्टर-25 और इंडस्ट्रियल एरिया के श्मशान घाट को प्रशासन ने चिन्हित कर रखा है। रोजाना तीन बजे से पहले इंडस्ट्रियल एरिया और उसके बाद सेक्टर-25 में इन शवों का संस्कार होता है। यहां रोजाना 30 के करीब संस्कार हो रहे हैं। तो वहीं दूसरी ओर मनीमाजरा में रोजाना 10 से 12 शवों का संस्कार हो रहा है। सेक्टर-28 के श्मशान घाट में भी रोजाना करीब 10 शव लाए जा रहे हैं। मनीमाजरा में तो पंचकूला और जीरकपुर के एरिया से भी शव लाए जा रहे हैं।
Aluminium aerospace parts scrap recycling Aluminium scrap import restrictions Metal waste recycling center