सत्य खबर, चरखी दादरी
कोरोना वायरस ने जिलों के साथ साथ गांवों को भी अपनी चपेट लेना शुरू कर दिया है। जिसके चलते कहीं अस्पतालों में बेड्स की कमी तो कहीं ऑक्सीजन की कि इसी बीच अजिले में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी अभी बनी हुई है। जिला न केवल चिकित्सकों, बल्कि विशेषज्ञों की कमी से भी जूझ रहा है। मौजूदा चिकित्सकों के सहारे जैसे-तैसे काम तो चलाया जा रहा है, लेकिन इसका प्रभाव सीधे तौर पर संक्रमितों के उपचार पर पड़ रहा है।
इस समय 93 में से 58 चिकित्सक तैनात हैं और इनमें से भी पांच ने इस्तीफा दिया हुआ है। इस्तीफा मंजूर न होने पर ये चिकित्सक ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं। सबसे अधिक कमी जिले में इस समय फिजिशियन की खल रही है|
जिला पिछले लंबे समय से चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ की कमी का दंश झेल रहा है। कोरोना काल में यह कमी अब और अधिक खलने लगी है। हैरानी की बात तो यह है कि प्रदेश सरकार कोरोना काल में भी दादरी को एक भी फिजिशियन नहीं दे पाई है जबकि इस समय जिले को तीन से चार फिजिशियन की जरूरत है। कमोबख्श यही स्थिति पीडिट्रिशियन की भी है।
अब अगर स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की भावी योजना की बात करें तो जिले में कोरोना संक्रमितों के बेड की संख्या बढ़ाकर 500 करने की तैयार है। तीन दिन पहले आयोजित बैठक में डीसी राजेश जोगपाल ने इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं और वीडियो कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने सीएम मनोहर लाल को इस संबंध में आश्वस्त किया था। इस समय जिले में संक्रमितों के लिए 330 बेड की व्यवस्था है, जबकि इस लिहाज से चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ की संख्या आधी ही है।
Scrap aluminium processing techniques Aluminium scrap quaternary processing International metal trade